सीएम योगी आदित्यनाथ के विस्फोटक बयान से राजनीति में हलचल, विपक्ष ने बताया साजिश का शिकार

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा ज्ञानवापी के आपत्तिजनक बयान के कारण सियासी गहराई में भूकंप महसूस हो रहा है। उन्होंने ज्ञानवापी को “मस्जिद” कहने पर सवाल उठाए और उसके अंदर देव प्रतिमाएं और त्रिशूल होने को जिक्र किया। इसके बाद विपक्ष ने इसे समाज में विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने विपक्षी दलों के “I.N.D.I.A” गठबंधन पर भी निशाना साधा |

ज्ञानवापी में मस्जिद के स्थान पर देव प्रतिमाएं और त्रिशूल: सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ज्ञानवापी के प्रति एक विवादित बयान के कारण राजनीतिक दलों में बवाल मचा हुआ है। उन्होंने ज्ञानवापी को “मस्जिद” कहने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि ज्ञानवापी के अंदर देव प्रतिमाएं और त्रिशूल हैं। यह बयान न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश की सियासत में भूकंप ला दिया है।

ज्ञानवापी के अंदर देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और त्रिशूल, ज्योर्तिलिंग हैं, इसका योगी ने खुलकर समर्थन किया है। एएनआई (एशीयन न्यूज़ इंडिया) को दिए गए इंटरव्यू में योगी ने कहा,”अगर हम ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं… देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।

योगी ने इस विवादित मामले में भाजपा और संघ परिवार के स्वर्णिम स्वरूप को नुकसान पहुंचाने का भरोसा दिखाया है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि साहब… ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।” उन्होंने बीजेपी और संघ से कोर्ट पर मामला टालते हुए अपनी फायरब्रांड हिंदुत्व छवि को बढ़ावा देने का काम किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के विस्फोटक बयान का विपक्ष पर पलटवार

ज्ञानवापी के बयान के बाद विपक्ष ने इसे तत्काल पलटवार कर समाज में विभाजन फैलाने की साजिश बताई है। विपक्षी दलों ने इसे जनता के बीच भावनात्मक तनाव बढ़ाने का प्रयास बताया है। वे इसे एक साजिश का हिस्सा मानते हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है। हिंदूत्ववादी समर्थक इस मामले में और मुखर हो गए हैं। इस मामले में राममंदिर निर्माण की तैयारियों के साथ-साथ ज्ञानवापी पर योगी की तरफ से हिंदुओं का दावा भी दर्ज हुआ है। इससे 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्धारित निहितार्थ निश्चित होंगे।

वेस्ट बंगाल में हुए चुनावी हिंसा पर उठे सवाल

विपक्षी दलों के “I.N.D.I.A” गठबंधन पर भी योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए। यह तो डॉट कॉम ग्रुप है। चोला बदलने से उनके पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी।” उन्होंने वेस्ट बंगाल में चुनावी हिंसा को भी नजरअंदाज नहीं किया और वहां की गतिविधियों पर सवाल किये।

वेस्ट बंगाल में हुए चुनावी हिंसा पर योगी ने कहा, “मैं पिछले सवाएं छह वर्षों से मुख्यमंत्री हूं। 2017 से उत्तर प्रदेश में कोई दंगा तो नहीं हुआ। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग देखे तो कैसे चुनाव होते हैं। पंचायत चुनाव, नगर निकाय चुनाव, विधानसभा चुनाव हुए, वेस्ट बंगाल में भी चुनाव हुए। वहां क्या हाल हुआ। देखा तो है ही न। क्या वेस्ट बंगाल बनाना चाहते हैं देश को।”

भाजपा और संघ को कोर्ट पर टालने पर योगी का कटाक्ष

उन्होंने अपने बयान के जरिए विपक्ष की दोहराई दृष्टिकोण पर भी सवाल उठाया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि वे भाजपा और संघ परिवार के इस मुद्दे पर कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद अपने सिद्धांत पर कटाक्ष करने वाले लोगों के खिलाफ उठ रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं। जो हमे वेस्ट बंगाल में देखने को मिला। कैसे वहां विरोधी दलों के लोगों को मारा गया। ये चीजें आंखों को खोलने वाली हैं। उस पर कोई बोलता नहीं। 1990 में जो कुछ कश्मीर में हुआ, उसपर सब मौन है। आखिर ये दोहरा दृष्टिकोण क्यों।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को तीखे शब्दों में साधा और राजनीतिक माहौल में एक ताबड़तोड़ धमाका किया है। इसे सामाजिक मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक दलों में तनाव बढ़ गया है और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर नई रणनीतियों का इंतजार शुरू हो गया है।

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