सोमवार को अदालत के आदेश के बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया गया। आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की चार टीमें सर्वे करने पहुंची। ASI की 4 टीमों में कुल 30 सदस्य सर्वे करने के लिए है। चारों टीमें ने अलग-अलग जगहों का सर्वे किया। अधिकारियों के अनुसार यह सर्वेक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि “क्या मौजूदा समय में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की संरचना किसी पहले से बने हुए हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई है।” अदालत ने ASI की टीम को सर्वेक्षण के दौरान वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया है एवं सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त से पहले अदालत को सौंपने का भी आदेश दिया है।
30 सदस्यीय ASI की टीम सुबह 7 बजे ही मस्जिद परिसर में पहुंच गई थी। उनके साथ कानूनी विवाद के सभी हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील भी मौजूद हैं। काशी क्षेत्र के DCP रामसेवक गौतम ने PTI को बताया कि सर्वे के दौरान पार्किंग की व्यवस्था की गई है एवं बैरिकेड भी लगाए गए हैं। इसके अलावा सभी भक्तों सामान्य दिनों की तरह सुचारू रूप से दर्शन कर सकते हैं सभी के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी लागू की गई है।
इस सर्वे को करने में ASI की टीम को कई दिनों का समय भी लग सकता है लेकिन ASI की टीम Ground – Penetrating Radar (GPR) जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस है। उसे देखकर ऐसा लगता है कि वह जल्द से जल्द सर्वे का काम पूरा करना चाहेंगे।
ASI की टीम इस सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद एवं उसमें मौजूद पश्चिमी दीवार की उम्र की जांच करेगी। वहां मौजूद तीनों गुम्मदों की जांच करेगी। इसके अलावा अदालत से उन्हें आदेश है कि अगर जरूरत पड़ी तो ढांचे को नुकसान पहुंचाए बिना खुदाई भी कर सकते हैं।
सर्वे टीम वहां पर मिलने वाली कलाकृतियों की सूची बनाएगी एवं उन कलाकृतियों की उम्र की भी जांच करेगी। टीम वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी हिस्से का सर्वे करेगी। वजूखाना वही एरिया है जहां पर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया था। सर्वे करने वाली ASI की टीम को अदालत ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद संरचना को किसी तरीके का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
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बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद काफी समय से चला आ रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद, भगवान शिव के मंदिर के ऊपर बनाई गई है। पिछले साल मई के महीने में वाराणसी हाई कोर्ट द्वारा इस मस्जिद का सर्वे करवाया गया था। इसी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी। जिसके बाद हिंदू पक्ष का विश्वास और मजबूत हो गया था। लेकिन अदालत के आदेश के बाद पहली बार आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम सर्वे करने आई है।
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