त्रिपुरा के उनाकोटि जिले में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान एक दुखद दुर्घटना में, रथ के हाई-टेंशन तार के संपर्क में आने से दो बच्चों समेत सात लोगों की जान चली गई और अठारह लोग घायल हो गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना कुमारघाट इलाके में इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित ‘उल्टा रथ यात्रा’ उत्सव के दौरान हुई।
सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 22 से अधिक बताई जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बिजली के तार का संपर्क कैसे हुआ? जगन्नाथ रथ यात्रा
कुमारघाट इलाके में बुधवार की शाम करीब साढ़े चार बजे श्रद्धालु लोहे के रथ को खींच रहे थे, तभी रथ 133 केवी ओवरहेड केबल के संपर्क में आ गया। पुलिस अब इस घटना की जांच कर रही है कि रथ बिजली के तार के संपर्क में कैसे आया।
उल्टा रथ यात्रा: त्रिपुरा की अनूठी परंपरा
उल्टा रथ यात्रा, त्रिपुरा की एक अनोखी परंपरा है, जो भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के एक सप्ताह बाद होती है। इस उत्सव के दौरान, भगवान जगन्नाथ के रथ को पीछे से खींचा जाता है, उनके साथ भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा भी होते हैं। यह आयोजन त्रिपुरा के लोगों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गहरा दुख व्यक्त किया
खबर सुनकर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना में कई लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों और पूरे राज्य को आश्वासन दिया कि सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
ऊर्जा मंत्री की कार्रवाई: घटना की जांच के लिए निर्देश
ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ ने मीडिया से बात करते हुए एक बयान दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्थानीय विधायक भगवान दास और त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम के डीजीएम से संपर्क स्थापित किया है। उन्होंने इस घटना की जांच के लिए अधिकारियों को आदेश दिए हैं और उन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
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दुःख की इस घड़ी में, पूरा त्रिपुरा राज्य एकजुट है, मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है।
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