ड्रेस कोड: महाराष्ट्र के नागपुर के 4 मंदिरों के बाद अब उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जिले के मंदिरों में भी प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। यानी अब इन मंदिरों में आप “उचित कपड़े” पहने बिना या छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं कर सकते। देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में मंदिर प्रशासन द्वारा यह ड्रेस कोड लागू किया गया। महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इसकी औपचारिक रूप से घोषणा की। इससे पहले मई महीने में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के 4 मंदिरों के द्वारा ऐसा ही ड्रेस कोड लागू किया गया था जिसमें आप छोटे कपड़े पहन कर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते।
हरिद्वार के दक्ष प्रजापति मंदिर, देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर, ऋषिकेश का नीलकंठ महादेव मंदिर में प्रवेश पर सही ढंग से कपड़े पहनकर आने का यह ड्रेस कोड तुरंत प्रभावी रूप से लागू हो गया। यह नियम उन व्यक्तियों पर लागू होगा जो मंदिर में “कम कपड़े पहनकर” आते हैं।
इसके अलावा महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि इस नियम के अनुसार केवल उन्हीं महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कर अनुमति होगी जिनका शरीर 80% तक ढका होगा। बता दें कि कम कपड़े पहन कर मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध अभी महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा से संबंधित मंदिरों पर ही लगाए गया है। यह प्रतिबंध जल्द ही देश भर में अखाड़े से संबंधित सभी मंदिरों पर लागू किया जाएगा।
इस प्रकार के ड्रेस कोड को लागू करने के पीछे क्या कारण है इसके जवाब में महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कभी-कभी मंदिरों में प्रवेश करने वाले लोग इतने कम कपड़े पहने हुए आते हैं कि उन्हें देखकर शर्म आती है। इससे धार्मिक स्थल की मर्यादा का हनन होता है। इसी वजह से इसको लागू करने का फैसला किया गया है।
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मंदिरों में उचित कपड़े पहनकर प्रवेश करने वाले इस ड्रेस कोड के अनुसार भक्तों से मंदिर जाने के दौरान “आपत्तिजनक” कपड़े न पहनकर आने की अपेक्षा की जाती है।
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