सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरकाशी में होने वाली महापंचायत को रोकने से संबंधित सुनवाई से किया इनकार, अब उत्तराखंड हाई कोर्ट करेगा सुनवाई।

महापंचायत: उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में 15 जून को हिंदुत्व समूहों द्वारा आयोजित होने वाली महापंचायत को रोकने के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस विक्रम नाथ एवं जस्टिस अहनसुद्दीन अमानुल्लाह ने हिंदू संगठनों के द्वारा उत्तरकाशी जिले के पुरोला में आयोजित होने वाली महापंचायत को रोकने के लिए एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स(ACPR) की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इसे हाईकोर्ट में ले जाएं। ACPR द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यह महापंचायत एक विशेष वर्ग को लक्षित करके राज्य का माहौल बिगाड़ने एवं शांति भंग करने के उद्देश्य से की जा रही है जिसे रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी।

ACPR के अधिवक्ता शाहरुख आलम के अनुसार उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश से संपर्क किया था। अब इस मामले की सुनवाई कल 15 जून को उत्तराखंड हाई कोर्ट करेगा।

बता दें कि कुछ राइट विंग समर्थक एवं हिंदू संगठनों ने पिछले महीने 26 मई को 14 वर्ष की एक लड़की के अपहरण के बाद उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में 15 जून गुरुवार को महापंचायत आयोजित करने का फैसला लिया है। कुछ अल्पसंख्यक समूह एवं NGO ने भी शिकायत की थी कि यह महापंचायत एक विशेष वर्ग के लोगों को लक्षित करके आयोजित की जा रही है जिससे राज्य में शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन की है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ACPR की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा था कि महापंचायत को लेकर जिले की कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। इसके अलावा इस याचिका से संबंधित सुनवाई करने का अधिकार पहले राज्य के उच्च न्यायालय का है।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पिछले कुछ दिनों से उत्तरकाशी तनावपूर्ण स्थिति को झेल रहा है और अब इस महापंचायत के आयोजित होने से पहले एक विशेष वर्ग को अल्टीमेटम दे दिया गया है।

इसके जवाब में न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उसे राज्य के उच्च न्यायालय पर विश्वास क्यों नहीं है एवं जिला प्रशासन के द्वारा शांति बनाए रखने के लिए समय-समय पर गाइडलाइन जारी की जा रही है। उन्हें इस पर विश्वास करना चाहिए एवं राज्य के उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई की भी जाना चाहिए। अब उत्तराखंड हाईकोर्ट 15 जून को इस याचिका की सुनवाई करेगा।

क्या है महापंचायत का मामला।

बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में बीते 26 मई को एक 14 वर्ष की लड़की को दो व्यक्तियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। इन अपहरणकर्ताओ में एक व्यक्ति मुस्लिम और दूसरा हिंदू था। इस घटना के बाद से जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने लगी एवं माहौल खराब होने लगा। इसे लव जिहाद का मामला भी बताया गया। हालांकि इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद कुछ संगठनों ने कई इलाकों में इस घटना का विरोध प्रदर्शन किया एवं कई दुकानों एवं घरों पर तोड़फोड़ की।

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दुकानों के बाहर चिपकाए गए पोस्टर

अब घटना के बाद कुछ हिंदू संगठनों के द्वारा पुरोला में 15 जून को महापंचायत आयोजित करने का फैसला किया था। इसी महापंचायत से पहले जिले की कई मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के बाहर “देव भूमि रक्षा संगठन” के नाम से नोटिस भी चिपका दिया गया है। महापंचायत से पहले परिसर खाली करो वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसी महापंचायत को रोकने के लिए विद्वानों और NGO के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे उसने सुनवाई करने से इंकार कर दिया।

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