मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बार फिर से बड़ी चूक हो गई है। सीएम नीतीश कुमार सात सर्कुलर रोड पर मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, जहां एक बाइकर्स गैंग के सदस्यों ने उनकी सुरक्षा तोड़ते हुए उनके बीच आ गए। इस पर मुख्यमंत्री ने जान की परवाह किए बिना फुटपाथ की ओर दौड़ लगा दी।
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक हुई है। एक साल पहले पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम के दौरान, एक युवक ने पीछे से आकर सीएम को मुक्का मार दिया था। इसके अलावा, एक अन्य कार्यक्रम के दौरान पटाखे फोड़े जाने की घटना भी दर्ज की गई थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक के बाद 2 बाइकर्स गिरफ्तार
दो बाइकर्स को गिरफ्तार किया गया है जबकि घटना के बाद सुरक्षाकर्मी तत्परता से कार्यवाही कर रहे हैं। इन बाइकर्स द्वारा चलाई गई एक ही बाइक पर दो लोग सवार थे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है और पटना एसएसपी के साथ कई पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। बाइकर्स के साथ पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स लगाए हैं और सात सर्कुलर रोड की जांच भी की गई है। इस घटना के बाद, एसएसपी और पटना SSP की बैठक हुई है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर एसएसजी (SSG) के कमांडेंट भी शामिल हुए।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोजाना मॉर्निंग वॉक पर निकलते हैं और इसी दौरान ये बाइकर्स उनके आगे-पीछे लहरिया कट स्टाइल में चल रहे थे। इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री निवास पर सुरक्षा सेवाओं के कमांडेंट और पटना SSP की एक बैठक आयोजित हुई है।
सीएम की सुरक्षा तीन स्तरों पर होती है:
- रिंग राउंड: इस स्तर पर सीएम को एक घेरा बनाया जाता है, जिसमें सशस्त्र पुलिस अधिकारियों के साथ बिना वर्दी के पदाधिकारियों भी शामिल होते हैं। इनकी संख्या 8 से 10 तक होती है। ये अधिकारी सादे कपड़ों में होते हैं ताकि उनकी पहचान न की जा सके। रिंग राउंड कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अत्यंत सतर्क रह सकें।
- स्पेशल ब्रांच: इस स्तर पर सशस्त्र जवानों को तैनात किया जाता है, जो बिहार के आर्म्ड फोर्स और जिला पुलिस से आते हैं। इन जवानों की संख्या बदलती रहती है आवश्यकताओं और हालात के आधार पर।
- जिला पुलिस: इस स्तर पर जिला पुलिस की टीम तैनात रहती है। रिंग राउंड से पहले, जिला पुलिस की टीम की जांच होती है और उनकी अनुमति के बाद ही वे सीएम की सुरक्षा में शामिल होते हैं,लेकिन उनका मुख्य कार्य मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा लेना होता है। जब मुख्यमंत्री रिंग राउंड के अंदर जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा इन पुलिस अधिकारियों की देखरेख में होती है।
- इसके अलावा, कारकेड में पायलट के साथ एक फोर्स भी होती है जो मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है। गाड़ी में मुख्यमंत्री के बगल की सीट पर एक सुरक्षा कर्मी उपस्थित होता है और उनकी गाड़ी के पीछे विशेष रिंग राउंड टीम आती है, जो मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और मजबूत बनाती है।
प्रमुख नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान, उनकी गाड़ी में एक ड्राइवर के साथ एक सुरक्षा कर्मी होता है। सीएम की गाड़ी के पीछे विशेष दस्ता रहती है जो तत्कालीन आपत्तिकाल में उन्हें घेर लेती है।
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