राजस्थान में चक्रवात बिपरजोय ने तोड़ा बारिश का 100 साल पुराना रिकॉर्ड, बाढ़ से घिरे कई इलाके

राजस्थान राज्य अपने विशाल रेगिस्तान और चिलचिलाती गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस साल राज्य में ऐसी बारिश हो रही है जैसी पहले कभी नहीं हुई थी। चक्रवात बिपरजोय के आने से कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ आ गई है, जिससे तबाही मची हुई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार मानसून से पहले बाढ़ की स्थिति बनी है। केवल चार दिनों में, बिपार्जॉय ने मानसून के मौसम के लिए वर्षा का कोटा पूरा कर लिया है, जिससे बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा और अजमेर सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाली के मुथाना में पिछले 24 घंटों में 530 मिमी बारिश हुई है, जो 21.3 इंच बारिश के बराबर है। इसके अलावा पाली में भी 12 इंच बारिश हुई है।

राजस्थान में भारी बारिश का प्रभाव: जान और संपत्ति का नुकसान, कोटा और बारां-सवाई मधेपुर में रेड अलर्ट जारी

लगातार बारिश ने सड़कों, पुलों और संपत्ति सहित बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। बूंदी, अजमेर और भीलवाड़ा के सैकड़ों गांवों में बिजली गुल हो गई है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ के कारण आठ लोगों की जान चली गई है। मौसम विभाग ने कोटा, बारां-सवाई मधेपुर में मंगलवार के लिए रेड अलर्ट जारी कर लोगों से और अधिक भारी बारिश के लिए खुद को तैयार रखने का आग्रह किया है.

चक्रवात बिपरजोय: अजमेर में 105 साल का तो, जोधपुर में 12 साल का रिकॉर्ड टूटा

चक्रवात ने राज्य में तबाही मचाते हुए बारिश के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अजमेर में चक्रवात ने बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। जून में सबसे अधिक बारिश 17 जून, 1917 को 119.4 मिमी दर्ज की गई थी। यह रिकॉर्ड 19 जून, 2023 को टूट गया, अजमेर में केवल 24 घंटों में 131.8 मिमी बारिश हुई है। बारिश यहीं नहीं रुकी 19 जून को सुबह 8:30 बजे से शाम 6 बजे तक 100 मिमी अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई, जिससे क्षेत्र में बाढ़ आ गई।

इसी तरह जोधपुर में 17 जून को 91.3 मिमी बारिश के साथ 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया है, जबकि इससे पहले 28 जून 2016 को करीब 74 मिमी बारिश हुई थी. राज्य में बाढ़ के कारण, लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को तैनात किया गया है और प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राजस्थान में मानसून से अधिक वर्षा, बारिश का औसत जून माह में 24% बढ़ा

16 से 19 जून तक, चक्रवात के कारण राज्य में औसतन 100 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य मानसून के मौसम की औसत वर्षा का लगभग 24% है। मानसून के मौसम (जून-सितंबर) के दौरान, राजस्थान में आमतौर पर औसतन लगभग 415 मिमी बारिश होती है। इसके विपरीत, जून में आमतौर पर औसतन लगभग 50 मिमी बारिश ही होती है।

चक्रवात बिपरजोय कैसे बनता है: एक विशेष रिपोर्ट

(Cyclone) चक्रवात उत्पन्न होता है जब गर्मी के मौसम में समुद्र का पानी ऊष्ण होता है और वायुमंडलीय शर्तें उपयुक्त होती हैं। समुद्री पानी के गर्म होने से ऊपरी वायुमंडल में उठती हवा चक्रवात के केंद्रीय बिंदु के चारों ओर संघटित होती है और शक्तिशाली बादलों का जन्म होता है। ये बादल चक्रवात के रूप में विकसित हो जाते हैं।

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चक्रवात की महत्वपूर्ण विशेषताएं शामिल होती हैं:

  • केंद्रीय बिंदु: चक्रवात का केंद्रीय बिंदु “आंख” कहलाता है। यहां वायुमंडलीय दबाव सबसे कम होता है और आकाश में स्पष्टता से दिखाई देता है।
  • गतिशील वेग: चक्रवात के केंद्रीय बिंदु से वायु चक्रवाती होती है और इससे तेज हवाएं उत्पन्न होती हैं। इसके परिणामस्वरूप चक्रवाती बारिश और बारिश के साथ उच्च गति की हवाएं होती हैं।
  • वृद्धि और घटना क्षमता: चक्रवात अपने पथ में आने वाली ऊष्णता और नमी के कारण वृद्धि और घटना क्षमता बढ़ाता है। इससे चक्रवात की तेजी बढ़ती है और वह विपरीत दिशा में घूमने लगता है।

चक्रवात बिपरजोय एक प्रकार का चक्रवात है जो बंगाल की खाड़ी में बनता है। यह चक्रवात बांगलादेश और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्रों को प्रभावित करता है और अक्सर भारी बारिश और तेज़ हवाएं लाता है। चक्रवात बिपरजॉय शब्द बंगाली भाषा में “उत्सुकता” या “प्रचंडता” को दर्शाता है।

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