बंगाल के कलियागंज में गुस्साई भीड़ द्वारा पुलिस अधिकारियों को बेहरमी से बंधक बनाकर पीटने का वीडियो सामने आया है, जिसने बंगाल में कानून व्यवस्था की स्तिथि पर भी काफी सवाल खड़े कर दिए है। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों को लाठियों से पीटते हुए दिखाया गया है, हालांकि न्यूज़अड्डा 360 द्वारा वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है।
यह घटना कलियागंज थाने में आग लगने के बाद हुई और पुलिसकर्मियों ने एक अस्थायी शिविर में शरण ली थी। प्रदर्शनकारियों के डर से वे शिविर के तख्तों के नीचे छिप गए, लेकिन प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कथित तौर पर उन्हें ढूंढ लिया और उन पर हमला कर दिया। इस घटना में 16 पुलिस कर्मी घायल हो गए।
कुणाल घोष ने बंगाल के कलियागंज में हुई घटना की निंदा की
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्विटर पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि गुंडागर्दी के बावजूद पुलिस शांत रही। उन्होंने हमलावरों और भड़काने वालों की गिरफ्तारी का भी आह्वान किया, जिसमें उल्लेख किया गया कि बलात्कार के बारे में गलत जानकारी फैलाना और तनाव भड़काना सख्त से सख्त सजा का हकदार है।
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कुणाल ने आगे कहा कि अतीत में वाम मोर्चे के पुलिस हॉल में गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं और ऐसे हमलों से तेजी से निपटने की जरूरत है। पुलिस अधिकारियों पर बढ़ती हिंसा और भीड़ के हमलों की खबरों के साथ, बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय रही है। कालियागंज की घटना क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करने और अपराधियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
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