भारी बारिश से हिमाचल में 24 घंटे में 52 की मौत: शिमला शिव मंदिर से 11 शव निकाले, सोलन में एक परिवार के 7 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में राज्य में भूस्खलन, क्लाउडबर्स्ट और बारिश से संबंधित विभिन्न हादसों में 52 लोगों की मौके पर मौत हो गई है। मौसम विभाग ने राज्य में 16 अगस्त तक भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की है।

शिव बावड़ी मंदिर में भूस्खलन के कारण 11 शवों को निकाला गया, अब भी खोज जारी

शिमला के समरहिल क्षेत्र में स्थित शिव बावड़ी मंदिर पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। इस भूस्खलन के तहत 15 से 20 लोग दबे हुए हैं। शाम 8 बजे तक, 11 शवों को बाहर निकाल लिया गया है, जिनमें 2 बच्चे भी शामिल हैं। बाकी लोगों की खोज जारी है।

सुबह के 7:30 बजे हुए इस हादसे के बाद, बारिश के बीच में रेस्क्यू काम पूरे दिन चला। दिन के अंत तक, बारिश के बावजूद, रेस्क्यू ऑपरेशन का काम जेनरेटर से प्रकाश व्यवस्थित करके बारिश के बीच में जारी रहा है।

भारी बारिश और पत्थरों के गिरने से मंदिर में बचाव कार्य में रुकावट

लगातार बारिश और पहाड़ से गिरने वाले पत्थरों के कारण मंदिर में बचाव कार्य में समस्या आई थी। कच्चे पत्थरों के साथ ही मंदिर के चोटी पर चार-पांच पेड़ भी गिर गए थे। इससे अधिक क्षति हुई। हादसे के तुरंत बाद, राज्य डिसास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF), आईटीबीपी (ITBP), पुलिस और स्थानीय लोग बचाव में शामिल हुए। भूस्खलन के पांच घंटे बाद ही सड़क की मरम्मत और कचरे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन को स्थान पर लाया गया।

भूस्खलन में फंसे लोगों ने सुनाई हादसे की कहानी

मंदिर में खीर बनाने गए 4 भतीजे: समरहिल क्षेत्र में रहने वाले किशोर ठाकुर ने बताया कि उनके 4 भतीजे भी मंदिर में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि मंदिर में फंसे लोगों के बचाव के लिए कॉल्स आए हैं। यह जानकारी सच है या फिर अफवाह है, यह पता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष 15 अगस्त को मंदिर में भंडारा आयोजित होता है और आज सावन का आखरी सोमवार है। इसी वजह से उनके भतीजे सहित छह-सात लोग मंदिर में खीर बनाने के लिए मौजूद थे।

घर पर चीजें भूलने से बची जान: शिव मंदिर में खीर बनाने आए नरेश ने बताया कि जब वह सुबह मंदिर पहुंचे, तो सब कुछ ठीक था। वह कुछ चीजें घर पर भूल गए थे, इसलिए उन्होंने मंदिर से घर वापस जाने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने घर से मंदिर पहुंचने का फिर से निर्णय लिया, भूस्खलन शुरू हो गया था | उन्होंने अपनी आँखों के सामने इस विनाश का दृश्य देखा। उन्होंने बताया कि एक नेपाली और कुछ लोग हादसे के समय मंदिर में मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत नेपाली को ढल में से बाहर निकाल लिया। लेकिन कुछ लोग मंदिर में फंसे हुए हैं।

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने भूस्खलन प्रभावित इलाके में दौरा किया

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू भी शिमला में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ढल को साफ करने का काम कर रहा है। फंसे हुए लोग निकाले जा रहे हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा 10 से 15 लोगों के फंसने की आशंका है।

मुख्यमंत्री ने ममलिग ग्राम पंचायत के जदोन गांव में भूस्खलन प्रभावित जगह पर भी दौरा किया। यहाँ पर क्लाउडबर्स्ट के कारण एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री इस दुखद घटना को देखकर भावनात्मक हो गए और कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवार को संभावित सहायता प्रदान करेगी।

पहाड़ों की लंबवत कटाई सड़कों के लिए, हिमाचल में बढ़ते नुकसान का कारण: अतुल शर्मा

हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विभाग के भूवैज्ञानिक अतुल शर्मा ने बताया कि सड़कों के लिए पहाड़ों की लंबवत कटाई की जा रही है। इससे ज्यादा नुकसान हो रहा है। इसके कारण चंडीगढ़-शिमला फोरलेन और चंडीगढ़-मनाली फोरलेन हाइवे पर भी अधिक नुकसान हुआ है।

इस बार भारी बारिश के कारण स्थिति ख़राब हो गई है। अप्रैल से ही हिमाचल में लगातार बारिश हो रही है। इससे भूमि में नमी बढ़ गई है। ऐसे में, ताज़ा बारिश होते ही नुकसान हो रहा है।

अतुल शर्मा ने बताया कि शिमला और सोलन के पहाड़ों में अधिक चिकनी मिट्टी होती है, जो भारी बारिश होने पर फूल जाती है। इसके कारण यहाँ बड़ी हानि हो रही है।

भूस्खलन के दो बड़े हादसों के बाद शिमला में शवों और घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा

शनिवार की सुबह शिमला में हुए भूस्खलन के दो बड़े हादसों के कारण शवों (Dead-Bodies) और घायल व्यक्तियों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और IGMC अस्पताल में ले जाया जा रहा है। इस कारण सुबह से ही यहाँ हलचल का माहौल था। जो आठ लोग शिव बावड़ी मंदिर से निकाले गए थे, उनकी लाशें यहाँ पर पोस्टमार्टम के लिए लाई गई थीं। मंदिर से सुरक्षित निकले लोगों को उपचार के लिए भी अस्पताल में लाया गया।

वहीं, फगली में भूस्खलन के बाद ढल से निकाले गए चार घायल व्यक्तियों को आईजीएमसी के आपातकल में लाया गया। यहाँ पर घायलों को नए इमरजेंसी भवन ले जाना पड़ा क्योंकि एक्स-रे मशीन ख़राब थी। आईजीएमसी के डॉक्टर और कर्मचारी घायलों का उपचार कर रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर राज्य में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं: मुख्यमंत्री सुखविंदर

मुख्यमंत्री सुखविंदर ने कहा कि राज्य में स्वतंत्रता दिवस के दिन राज्य में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान, केवल झंडा फहराकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

टेहरी के शिवपुरी में सुरंग में पानी भरने से इंजीनियर और मजदूर फंस गए

टेहरी के शिवपुरी में एक सुरंग में पानी भरने के कारण इंजीनियर और मजदूर फंस गए। शिवपुरी की एलएंडटी कंपनी के प्रबंधक अजय प्रताप सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी। सुरंग में लगभग 4 फीट पानी भर गया था जिसके कारण 300 फीट की गहराई में लोग फंस गए थे। पोकलेन मशीन से कचरा हटाया गया और भीतर फंसे 114 लोगों को बचाया गया।

भारी बारिश से हिमाचल में मची तबाही

हिमाचल में 55 घंटे से भारी बारिश हो रही है। शिमला के अलावा सोलन में भी भूस्खलन के कारण एक दुर्घटना हुई। सोलन के जदौन गांव में बादलबरस्त के कारण एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई। इस देर रात की घटना में दो घर बह गए, जिसमें 3 लोग अब तक लापता हैं।

मंडी जिले के बालह घाटी में भारी बारिश ने बाढ़ की तरह की स्थिति पैदा की है। यहाँ ब्यास नदी अच्छी तरह से बह रही है। अधिकारियों के अनुसार, यहाँ कई पर्यटक फंसे हैं। दो दिनों में राज्य में 30 से अधिक घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 180 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए।

हिमाचल में भारी बारिश के कारण होने वाली अन्य दुर्घटनाएँ

मंडी में भारी बारिश के कारण 6 लोगों की मौत हो गई। यहाँ कई क्षेत्रों में बड़े वाहन, ट्रक और बसें दब गई थीं। शिमला जिले के फागली में भूस्खलन के बाद चार लोगों की मौत हुई और पांच को बचाया गया। उसी तरह, सिरमौर में चार और हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में एक-एक लोग की मौत हुई।

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