भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में हालात बिगड़े, मौसम विभाग ने 5 दिन के लिए जारी किया येलो अलर्ट

भव्य हिमालय की गोद में बसा सुरम्य राज्य हिमाचल प्रदेश अगले पांच दिनों में भारी बारिश के लिए तैयार हो रहा है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, और चेतावनी दी है कि कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका है, जिससे निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए संभावित खतरा पैदा हो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने जनता से इस दौरान सावधानी बरतने और सभी से सतर्क रहने की अपील की है.

मौसम विभाग की चेतावनी: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से बढ़ सकता है खतरा

भारी बारिश के कारण पहले ही राज्य में 27 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे सामान्य परिवहन बाधित हो गया है | डॉ. पाल ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को मौजूदा मौसम की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, और भारी बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित बाधा को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए।

भारी बारिश से सिर्फ सड़कें ही प्रभावित नहीं होतीं; कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना ने स्थानीय आबादी के साथ-साथ पर्यटकों की सुरक्षा के लिए चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की सख्त सलाह दी है। डॉ. पाल ने आगाह किया कि ऐसे क्षेत्रों में बरसात के मौसम में भूस्खलन का खतरा अधिक होता है, जिससे वहां मौजूद लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाता है।

हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश का असर: नाहन में 21 मिमी, तो कांगड़ा में 8 मिमी वर्षा।

पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में काफी बारिश हुई है। नाहन में सबसे अधिक 21 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद मंडी में 14 मिमी, कांगड़ा में 8 मिमी, बिलासपुर में 5 मिमी, ऊना में 1 मिमी और डलहौजी में 3 मिमी बारिश दर्ज की गई।

राज्य में पिछले सप्ताह कमजोर मानसून देखा गया, 27 जून से 3 जुलाई तक वर्षा में 36 प्रतिशत की कमी हुई। इस कमी का असर शिमला और सिरमौर को छोड़कर सभी जिलों पर पड़ा है। विशेषकर लाहौल स्पीति में इस अवधि के दौरान कोई वर्षा नहीं हुई | बारिश की कमी ने न केवल कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है बल्कि क्षेत्र के जल संसाधनों पर भी इसका संभावित प्रभाव पड़ा है।

राहत दे सकती है गिरावट: भारी बारिश के बाद तापमान में कमी की संभावना

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. पाल ने भारी बारिश के बाद आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना जताई है. तापमान में यह गिरावट निवासियों को चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत दे सकती है, कांगड़ा में पहले से ही न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखी गई है, यहां, पिछले 24 घंटों में 3.5 डिग्री की भारी गिरावट दर्ज की गई है। शिमला में न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस, ऊना में 22.6 डिग्री, धर्मशाला में 20.2 डिग्री, सोलन में 19.5 डिग्री, मनाली में 15.6 डिग्री, मंडी और बिलासपुर में 22 डिग्री, हमीरपुर में 23 डिग्री और चंबा में 21 डिग्री का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है।

भारी बारिश से हुए नुकसान: मानसून के प्रभाव में लोगों और संपत्ति को जोखिम

मानसून की एंट्री के बाद हुई भारी बारिश ने 24 से 27 जून के बीच नॉर्मल से 135 फीसदी अधिक वर्षा का रिकॉर्ड बनाया है। जिससे, सरकारी और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है और सिर्फ 4 दिनों में ही 274 करोड़ रुपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून के आने के बाद से अब तक विभिन्न कारणों से 30 लोगों की जानें जा चुकी हैं।

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन

भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण, 6 मकान पूरी तरह से और 42 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके साथ ही, 353 पालतू मवेशी भी अकाल की मौसमी स्थिति के चलते ग्रास बन चुकी हैं।

भूस्खलन क्षेत्रों में जाने के लिए सावधान रहने के लिए सरकारी सलाह:

  • भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा से बचें।
  • सरकार द्वारा लगाए गए विशेष चेतावनी बोर्ड या संदेश पर ध्यान दें और वहां जाने से बचें।
  • मौसम विभाग के अपडेट और चेतावनियों पर नजर रखें।
  • अधिक बारिश वाले दिनों में यात्रा न करें।
  • यात्रा के दौरान भूस्खलन अवहेलना करने वाले संकेतों की ध्यानपूर्वक निगरानी करें।
  • सुरक्षित स्थानों पर ही ठहरें और अपनी सुरक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों की सलाह पर आधारित रहें।

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