बुधवार को भारत ने संकटग्रस्त सूडान में फंसे अपने 360 नागरिकों के पहले समूह को वापस बुला लिया। अभी सूडान में ग्रह युद्ध छिड़ा है। 360 भारतीयों को एक असैनिक सऊदी विमान के द्वारा सूडान के जेद्दाह से दिल्ली ले जाने के लिए का इस्तेमाल किया गया था। सैकड़ों भारतीय अभी भी सूडान में फंसे हुए हैं। वे अब तक बाहर निकलने में असमर्थ हैं। भारतीयों को सूडान से बाहर निकालने की शुरूवात एक जटिल और जोखिम भरी प्रक्रिया थी। सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी चलाया था।
सरकार के इस ऑपरेशन कावेरी के द्वारा पहली फ्लाइट से वहां फसे लोगों के आने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि “यदि 72 घंटे का युद्धविराम कायम रहता है तो इस एयरलिफ्ट के बाद इसी तरह की उड़ानें होने की उम्मीद है”।
सूडान के गृहयुद्ध ने लिया गंभीर रूप
अफ्रीका के सबसे बड़े देशों में से एक सूडान में छिड़े इस ग्रह युद्ध से वहां के लोगों के साथ-साथ पूरी दुनिया सकते में है।
सूडान में ग्रह युद्ध इतनी तेजी और भयानक रूप से भड़का कि वहां काफ़ी समय से वहां रह रहे भारतीयों को कुछ समझ ही नहीं आया और उन्हें अपना पहचान पत्र जमा करने तक का समय नहीं था। इसका नतीजा यह हुआ, पोर्ट सूडान से निकासी की सुविधा देने वाले भारतीय अधिकारियों को विशेष मामलों की एक महत्वपूर्ण संख्या को संसाधित करना पड़ा जहां लोग पासपोर्ट या ओसीआई कार्ड पेश नहीं कर सके। अचानक हुई इस लड़ाई को वहां रह रहे भारतीय-स्वामित्व वाले व्यापारिक घरानों ने भी अनुमान नहीं लगाया और उन्हें अपनी सारी संपत्ति पीछे छोड़नी पड़ी। 72 घंटे के संघर्ष विराम का लाभ उठाते हुए, भारत ने मंगलवार को निकासी शुरू की और बचाए गए नागरिकों का पहला जत्था बुधवार शाम को दिल्ली पहुंचा।
इस गृह युद्ध की क्या है वजह ?
सूडान अफ्रीका के सबसे बड़े देशों में से एक है। संसाधन-समृद्ध अर्थव्यवस्था की कमजोरियों वाले देश सूडान में इसकी खराब राजनीति व्यवस्था से हालत और खराब है। इस देश के उत्तर में मेरोवे शहर स्थित है। जहां सोने का भंडार है। यह सोने का भंडार ही लड़ाई की प्रमुख वजह है। मिस्रवासी कथित तौर पर मेरोवे को आधार के रूप में देख रहे हैं। ऐसी रिपोर्टें हैं कि अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियाँ भी मेरोवे में रुचि रखती हैं और इनमें से अधिकांश रुचि स्पष्ट रूप से सोने की खानों से जुड़ी हुई है, जिसने व्लादिमीर पुतिन के तहत रूस सहित कई देशों को आकर्षित किया है।
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दो जनरलों के वर्चस्व की लड़ाई में सूडान
सूडान में अभी लड़ाई की वजह वहां की सेना के दो जनरल की जिद है। दोनों जनरल के वर्चस्व की लड़ाई में आम लोग इस रहे हैं।
पहला जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान जो आर्मी चीफ है और दूसरा जनरल हमदान दगालो रैपिड जो सपोर्ट फोर्स का चीफ है। बता दें कि यहां पर 2021 से ही सत्ता का संघर्ष चल रहा है सन 2021 में सूडान में तख्तापलट हुआ था तभी से वहां के हालात खराब है।
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