अमेरिका और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच तनाव: शंगरी ला डायलॉग समिट पर वाद-विवाद

शंगरी ला डायलॉग डिफेंस समिट में हुई घटनाओं के बीच, अमेरिका और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। यह तनाव साल 2018 में चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित कर दिए जाने के बाद उभरा था। वास्तव में, ली शांगफू ने रूस से हथियारों की खरीदारी की थी, जिसके कारण अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगाया था।

चीन के रक्षा मंत्री को अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित करने से उभरा तनाव | शंगरी ला डायलॉग समिट

सिंगापुर में आयोजित हुआ “शंगरी ला डायलॉग समिट” के दौरान, अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू भी मौजूद थे। दोनों ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का स्वागत किया, लेकिन अमेरिका को इससे संतुष्ट नहीं हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अमेरिका और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत करना था, लेकिन हाल ही में चीन ने इस पेशकश को खारिज कर दिया है।

शंगरी ला डायलॉग समिट: अमेरिका और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच विवाद जारी

चीन ने अमेरिका की पेशकश को खारिज कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका ने अपनी निराशा व्यक्त की है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस मुद्दे पर बयान दिया है कि चीन के साथ बातचीत के रास्ते खुले रहने चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि बातचीत जरूरी है और हमारे रक्षा और सैन्य नेताओं के बीच बातचीत करनी चाहिए। जितना ज्यादा हम बातचीत करेंगे, उतनी ही गलतफहमी की आशंका कम होगी। इससे संघर्ष जैसे हालात नहीं बनेंगे।” यह बयान दरअसल चीन द्वारा पेश की गई बातचीत की पेशकश को खारिज करने के बाद आया है। चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को अमेरिका ने साल 2018 में प्रतिबंधित कर दिया था, जिसका कारण रूसी हथियारों की खरीदारी थी। इस विवाद के बावजूद, अमेरिका ने चीन के साथ बातचीत के दरवाजे खुले रखने की अपनी इच्छा दिखाई है।

पेंटागन का बयान: प्रतिबंधों के बावजूद बातचीत जारी रहेगी

पेंटागन ने इस मामले में एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चीनी रक्षा मंत्री के प्रतिबंधित होने के कारण आधिकारिक बातचीत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका मतलब है कि चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को प्रतिबंधित किया जाने से पहले और उसके बाद भी, अमेरिका और चीन के बीच आधिकारिक स्तर पर बातचीत चलती रहेगी। यह पेंटागन द्वारा दिए गए संकेत का परिणाम है कि वे प्रतिबंधों के बावजूद अपने रक्षा और सुरक्षा मामलों पर चीन के साथ संघर्ष नहीं करना चाहते हैं और बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे।

ताइवान और चाइनीज जासूसी गुब्बारे के मामले में तनाव बढ़ा

चीन द्वारा बातचीत को लेकर अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने गंभीर चिंता व्यक्त की हैं। उन्हें चीन के द्वारा व्यक्त की गई इच्छानुसारीता की जानकारी से असंतोष है। उन्होंने विमान चोरी और विमानों के खतरनाक आपातकालीन इंटरसेप्ट के मामले पर भी चिंता व्यक्त की है। हाल ही में दक्षिण चीन सागर के ऊपर चीनी और अमेरिकी लड़ाकू विमानों के बीच एक घटना घटी थी।

इसके अलावा, ताइवान और चाइनीज जासूसी गुब्बारे के मुद्दे पर भी अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है। यह मुद्दा अमेरिकी रक्षा मंत्री के एशिया दौरे के दौरान उठा है। इस से पहले उन्होंने जापान का दौरा किया है, और जल्द ही भारत की भी यात्रा करेंगे।

इस घटना से अमेरिका नाराज है, क्योंकि उनका मानना है कि चीन ने बातचीत को अस्वीकार करके अपने दोषपूर्ण कार्यों को छिपाने का प्रयास किया है।

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