ओडिशा ट्रेन हादसे: 14 साल बाद मां के निधन को झेलने वाले बेटे की आखिरी यात्रा, भाई की आंखों में दर्द की तलाश

ओडिशा ट्रेन हादसे में रेस्क्यू का कार्य पूरा हो गया है, लेकिन शुक्रवार रात से ही वापसी करने वाले यात्रियों के लिए अपनों की तलाश जारी है। दुखद तौर पर, दो भाई घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके बड़े भाई का पता अभी तक लगाने में सफलता नहीं मिली है।

Orissa के बालासोर ट्रेन हादसे में मौत ने खूब तांडव मचाया। शनिवार की रात बालासोर रेलवे स्टेशन पर एक भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें 238 यात्री अपनी जान गंवा बैठे। यह दुखद घटना ने देश को स्तब्ध कर दिया है। घटना के पश्चात घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया है और इलाज की प्रक्रिया जारी है। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था की गई है। प्रशासनिक और रेलवे अधिकारियों ने इस दुःखद हादसे की जांच करने का आश्वासन दिया है और सभी मामलों की जांच के लिए आधिकारिक जांचाधीन तालिका बनाई गई है।

ओडिशा ट्रेन हादसे में रेस्क्यू कार्य सम्पन्न, लेकिन अपनों की तलाश जारी

बालासोर ट्रेन हादसे के बाद जहां रेस्क्यू ऑपरेशन का कार्य समाप्त हो गया है, वहीं लोग अपनों की खबर और उनकी तलाश में निकले हुए है, लेकिन उनके अपनों की अभी तक कोई खभर नहीं है। एक ऐसा दुःखद मामला उज्जैन से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अपने भाई की तलाश में अस्पतालों के चक्कर लगा रहा है, पर उसके भाई का पता नहीं चल रहा है।

बालेश्वर जिले के सोरो इलाके के रहने वाले रमेश, जो चेन्नई में रहते हैं, उन्होंने मां की मौत की सूचना सुनकर 14 साल बाद अपने गांव वापसी की । उन्होंने मां के श्राद्धकर्म की रस्में पूरी की और शुक्रवार को चेन्नई की ओर रवाना हो गए। लेकिन दुखद तौर पर, उनकी तक़दीर उनके खिलाफ थी। ट्रेन हादसे में रमेश की अकालीन मौत हो गई।

शवों के ढेर में तलाश रहे भाई की दुःखभरी कहानी

रमेश के भाई ने कहा कि शुक्रवार को मेरा भाई शाम 6 बजे ट्रेन में सवार हुआ था। हादसा शाम करीब 7 बजे हुआ। हादसे की आवाज सुनकर हम मौके पर पहुंचे। हमने भाई को तलाशा लेकिन वह नहीं मिला। बाद में, हम घर वापस चले गए। उन्होंने आगे बताया कि रात करीब 12.30 बजे के आसपास, हमने उसके मोबाइल फोन पर कॉल किया। जब फोन की घंटी बजी, तो एक आदमी ने उसे उठाया और हमें सूचित किया कि वह मर चुका है। भाइयों ने रोते हुए बताया कि रात से, हम इस अस्पताल से उस अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि, अभी तक भाई के शव की पहचान नहीं हो पायी है।

इस दुखद समाचार के बाद, रमेश के भाइयों की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण समाचार बालेश्वर जिले के सोरो इलाके के निवासी रमेश के परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। अपनों की खोई हुई जिंदगी को लेकर उनके दिल में गहरा दर्द है।

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इसके अलावा, कुछ अपडेट भी दिए गए हैं: ओडिशा ट्रेन हादसे

  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति की जांच की और घायलों से मिलने के लिए ओडिशा के बालासोर का दौरा किया है।
  • शनिवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर पहुंचे हैं। रेल मंत्रालय ने इस घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
  • ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर दुख जताया है और घटनास्थल पर भी पहुंचे हैं। राज्य सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
  • तमिलनाडु सरकार के मंत्री उधयनिधि स्टालिन, शिव शंकर और ए महेश ओडिशा जा रहे हैं। स्टालिन ने बताया कि वे मौजूदा स्थिति की जानकारी लेने के लिए वहां जा रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात की है।
  • रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना को भी तैनात किया गया है। सेना ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीमों को पूर्वी क्षेत्र से भेजा है, जहां वे एंबुलेंस और सहायता सेवाओं के साथ रेस्क्यू का काम कर रहे हैं।
  • राष्ट्रीय आपत्ति प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने भी राहत और बचाव कार्य में लगाने के लिए तीन टीमें और 20 से अधिक फायर सर्विस एंड रेस्क्यू टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा, 1200 बचाव कर्मी भी मौजूद हैं।
  • भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया है कि घटनास्थल पर 115 एम्बुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट्स तैनात हैं।
  • NDRF, राज्य सरकारों की टीमें और एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स भी रेस्क्यू कार्य के लिए भेजे गए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि भुवनेश्वर और कोलकाता से रेस्क्यू टीमें भेजी गई हैं।
  • घायलों को मदद पहुंचाने के लिए 2000 से अधिक लोग रात भर से बालासोर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर खड़े रहे हैं। कई लोगों ने अपना खून भी डोनेट किया है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भुवनेश्वर AIIMS में घायलों के लिए पर्याप्त बिस्तर और ICU सुविधाएं जैसे जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
  • ट्रेन दुर्घटना के बाद, गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस का इनोगरेशन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। कई गाड़ियों का रूट बदला गया है और रेस्क्यू के बाद ट्रैक की मरम्मत कार्य शुरू होगा।

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