मंगलवार को मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के पास दो मंजिल वाले घर का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। इस हादसे में ढेर के नीचे 11 भक्त दब गए। इनमें से 5 भक्तों की मौके पर ही मौत हो गई | 6 गंभीर घायल भक्तों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
घर का ऊपरी हिस्सा गिरने से दबे लोग
यह बताया जा रहा है कि बांके बिहारी मंदिर के पास स्थित दो मंजिल वाले घर का ऊपरी हिस्सा काफी पुराना था।। यहां मंदिर के पास बंदरों की लड़ाई हो रही थी। तब घर का ऊपरी हिस्सा भारी रूप से गिर गया, जिसके कारण नीचे से गुजरते समय 11 भक्त दब गए।पुलिस तुरंत हादसे के स्थल पर पहुंची और घायलों को बचाने के बाद उन्हें अस्पताल में भेजा गया।
घटना वृंदावन कोतवाली क्षेत्र में, बांके बिहारी मंदिर के पास हुई
वृंदावन कोतवाली क्षेत्र, स्नेह बिहार जी मंदिर के पास, बांके बिहारी मंदिर से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर। यहां विष्णु शर्मा के पास दो मंजिला पुराना घर है जो दोसयात क्षेत्र में स्थित है। उसका ऊपरी हिस्सा भक्तों पर गिर गया।
हादसे को देखकर मौके पर एक चीख उठी। आस-पास के लोग दौड़कर आए। उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थल पर पहुंचे। दबे हुए लोगों को बचाया और बाहर निकाला गया। उन्हें तुरंत एक एम्बुलेंस की मदद से 100 बेड वाले अस्पताल में ले जाया गया।
डॉक्टरों की जांच के बाद 5 की मौत, 6 गंभीर स्थिति में
डॉक्टरों ने जांच के बाद कानपुर के अरविंद यादव, गीता कश्यप, रश्मि गुप्ता, देवरिया के चंदन राय और पंजाब की अंजू को मृत घोषित किया। जबकि 6 लोग गंभीर स्थिति में उपचार के लिए हैं। उनके मुताबिक, एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि नगर निगम की टीम स्थान पर मौजूद है। डेब्रिस को हटाया जा रहा है। जो भाग घर का खतरनाक है, उसे भी हटाया जा रहा है।
बांके बिहारी मंदिर: लाखों भक्तों की उपस्थिति, अत्यधिक भीड़ ने बंद कि सड़कें
दो दिन पहले, यानि रविवार को, लाखों भक्त बांके बिहारी मंदिर पहुंचे थे। भक्तों की भीड़ इतनी बड़ी थी कि मंदिर के सभी मार्ग बंद हो गए थे। लगभग 2 किलोमीटर लंबी लाइन बनी थी। इसके अलावा, भक्तों को 100 मीटर तक जाने में 2 घंटे से अधिक का समय लग रहा था। इसके कारण, शहर के लोग अपने घरों में बंद हो गए। इस परिस्थिति में, अगर यह हादसा उस समय हो जाता, तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
प्रशासन की लापरवाही के चलते घर का भाग गिरा, 5 की मौत
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंद इलाके में कई इमारतें बेहद तोड़फोड़ वाली हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं। इसके बावजूद, प्रशासन इसे नजरअंदाज कर रहा है। अगर प्रशासन ने इन खंडहर इमारतों के खिलाफ कार्रवाई की होती, तो आज यह हादसा नहीं होता। प्रशासन की लापरवाही के कारण आज हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई।
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