हिमाचल कुल्लू: 30 सेकंड में 7 इमारतें गिरीं, 24 घंटे में 12 मौतें; 15 राज्यों में भारी बारिश का खतरा

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार सुबह 30 सेकेंड के भीतर सात इमारतें ढह गईं. सौभाग्य से, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि प्रशासन ने तीन दिन पहले ही इन इमारतों को सफलतापूर्वक खाली करा लिया था। हालाँकि, अभी भी आसपास की 2-3 इमारतें खतरे में हैं, जिसके कारण क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पिछले 24 घंटों में, राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में कुल बारह लोगों की जान चली गई। विशेष रूप से, मंडी और शिमला दोनों में भूस्खलन के कारण सात मौतें हुईं। इसके अतिरिक्त, कई घर ध्वस्त हो गए और 400 सड़कें ब्लॉक हो गईं। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण कुल्लू-मनाली राजमार्ग को बंद करना पड़ा।

मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिनों के लिए पूरे राज्य में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. आज हिमाचल के तीन जिलों शिमला, मंडी और सोलन में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।

मौसम विभाग ने आज 15 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड शामिल हैं. साथ ही दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत 6 राज्यों में मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

अगले 24 घंटे कैसे होंगे?

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर में भारी बारिश की आशंका है।

निम्नलिखित क्षेत्रों में मध्यम वर्षा की उम्मीद है: जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बस स्टैंड पर खड़े लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई

कुल्लू , आनी बस स्टैंड में दो अन्य इमारतों की स्थिति बदल गई है और उन्हें जल्द ही ध्वस्त किया जा सकता है, जबकि अतिरिक्त 2 से 3 इमारतों को भी खतरा है।

हादसे के दौरान बस स्टॉप पर खड़े लोगों ने भागकर और कूदकर अपनी जान बचाई। फिलहाल स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर नुकसान का आकलन कर रहा है. SDM आनी नरेश वर्मा ने बताया कि आगे की तीन और पीछे की चार इमारतें पहाड़ी से गिरी हैं और कुछ मकान ऐसे भी हैं जिनके गिरने का खतरा है। उन्होंने बताया कि सभी इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था।

बारिश के बाद संचालन बंद, मकानों को खाली कराया गया

हादसा आज सुबह 9.30 बजे का बताया जा रहा है. पहले, कांगड़ा सहकारी बैंक (KCC) एक भवन में संचालित होता था जबकि एसबीआई बैंक (SBI) दूसरे भवन में संचालित होता था। कुछ कमरों पर किरायेदारों और दुकानों का कब्जा भी था।

7 से 11 जुलाई तक हुई भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन संरचनाओं में दरारें आने लगीं। प्रशासन ने संभावित खतरे को भांपते हुए पहले ही इन्हें खाली करा लिया था और मकान मालिकों को घर खाली करने का नोटिस जारी कर दिया था. हालांकि, उस दौरान पहाड़ी की चोटी पर बने मकान के गिरने की खबर किसी को नहीं थी. उस संरचना में दरारें भी दिखाई देने लगी थीं, जिसके कारण लोगों को इसे स्वयं ही खाली करना पड़ा।

कुल्लू: इमारतों के साथ बने मकानों पर खतरा मंडरा रहा

इमारतों के गिरने के बाद आनी के लोग दहशत में हैं, खासकर वे लोग जिनके घर इन इमारतों के बगल में बने हैं, क्योंकि वे नुकसान की सीमा को लेकर अधिक चिंतित हैं।

पहाड़ों में 2255 मकान ध्वस्त

इस बार मानसून सीजन ने पहाड़ों में खासी तबाही मचाई है। पिछले 24 घंटों के भीतर, राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण 23 घर पूरी तरह नष्ट हो गए, साथ ही 108 अतिरिक्त घर क्षतिग्रस्त हो गए। अकेले शिमला शहर में, 25 से अधिक घर असुरक्षित हो गए हैं, जिसके कारण 55 से अधिक परिवारों को एक अलग स्थान पर स्थानांतरित करना पड़ा है।

पूरे प्रदेश में बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और भूस्खलन की वजह से इस मानसून में 2255 घर बर्बाद हो गए हैं, जबकि 9865 घरों में कुछ न कुछ नुकसान हो गया है। कई परिवार बिना घर के रह गए हैं, जबकि कुछ परिवार अपने जीवन को खतरे में डालकर अपने आवासों में आंशिक नुकसान सह रहे हैं।

कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा, आठ लोगों की मौत

बुधवार को उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में भारी बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप पूरे राज्य में 4.5 सेमी वर्षा दर्ज की गई। दुर्भाग्य से, बारिश से संबंधित घटनाओं में आठ व्यक्तियों की जान चली गई। इसके साथ ही कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे 11 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए.

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