अब आप बैंकॉक की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हो, कोलकाता-बैंकॉक हाईवे को मिली मंजूरी।

कोलकाता-बैंकॉक हाईवे: अब ऐसा संभव है कि आने वाले समय में आप बैंकॉक अपनी कार से भी जा सकते हो। जी हां भारत सरकार और थाईलैंड एवं अन्य देशों की सहमति के बाद इसकी अनुमति दे दी गई है। कोलकाता में इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) और विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित बिजनेस कॉन्क्लेव (Business Conclave) में यह फ़ैसला लिया गया। 13 जून से 15 जून के बीच कोलकाता में अयोजित इस बिज़नेस कॉन्क्लेव में भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका एवं थाईलैंड सहित कुल 7 देश शामिल हुए थे।

इसी मीटिंग के दौरान इन देशों के द्वारा सहमति व्यक्त की, कि कोलकाता को बैंकॉक से जोड़ने वाला त्रिपक्षीय राजमार्ग “Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation” (BIMSTEC) परियोजना के तहत अगले 4 साल के भीतर पूरा किया जाए।

बता दें कि BIMSTEC भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड सहित कुल 7 देशों का एशिया क्षेत्र का बहुपक्षीय संगठन है। इसका मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशियाई एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके अलावा यह संगठन, इस संगठन में शामिल देशों के आपसी हित का भी ध्यान रखता है।

कोलकाता-बैंकॉक त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को बनाने की अनुमति सबसे पहले अप्रैल 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा भारत, म्यांमार और थाईलैंड को शामिल करते हुए गई थी। अब इस परियोजना को दोबारा नरेंद्र मोदी के शासनकाल में अनुमति मिली है।

2800 किमी लंबा कोलकाता-बैंकॉक हाईवे

कोलकाता से बैंकॉक तक प्रस्तावित यह राजमार्ग परियोजना लगभग 2800 किलोमीटर लंबी होगी। यह थाईलैंड और भारत के अलावा म्यांमार से होकर भी गुजरेगा। यह राजमार्ग सबसे अधिक दूरी भारत में तय करेगा एवं सबसे कम दूरी थाईलैंड में होगी। कोलकाता-बैंकॉक हाइवे परियोजना थाईलैंड के शहर सुखोथाई, माई से होते हुए म्यांमार के यंगून, मंडले, कलेवा और तामू शहरों से भी गुजरेगी। अंत में यह भारत के मोरेह, कोहिमा, गुवाहाटी श्रीरामपुर, सिलीगुड़ी से होते हुऐ आख़िर में कोलकाता में पहुंच कर अपना सफ़र पूरा करेगी।

थाइलैंड में पूरा हो चुका है काम

थाईलैंड के विदेश मामलों के उपमंत्री विजावत इसरभकडी ने इस बात की पुष्टि की कि थाईलैंड में बनने वाला हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है एवं म्यांमार के वाणिज्य मंत्री अंग नैंग ने भी बताया कि म्यांमार में बनने वाला हिस्सा अगले 3 साल में तैयार होने की संभावना है।

इस बिजनेस कॉन्क्लेव में भारत की तरफ़ से उपस्थित उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शशि पांजा भी इस सड़क राजमार्ग परियोजना को लेकर कभी सकारात्मक नजर आए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बनने से तीनों देशों की कनेक्टिविटी और व्यापार के क्षेत्र में काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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इस त्रिपक्षीय राजमार्ग बनने की वजह से भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच परिवहन काफी सरल हो जायेगा। इसके अलावा व्यापार के अवसरों में भी बढ़ावा मिलेगा उम्मीद है कि BIMSTEC में इस राजमार्ग परियोजना को लेकर लिया गया यह फैसला अपने निर्धारित समय पर पूरा हो जाएगा।

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