Karnataka Hijab Controversy : कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुधाकर ने भर्ती परीक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति के फैसले का किया बचाव।

Karnataka Hijab Controversy : कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। बीते रविवार को शिक्षा मंत्री सुधाकर ने घोषणा की थी कि, छात्रों को राज्य की प्रतिस्पर्धी और भर्ती परीक्षाओं के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दी जाएगी।

अब विपक्षी दल भाजपा द्वारा इसका विरोध करने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने सरकार के इस फैसले का बचाव किया।

शिक्षा मंत्री सुधाकर ने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि “मुझे लगता है कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें NEET परीक्षा के दिशा निर्देशों को देखना चाहिए। मुझे नहीं पता कि वे इसे मुद्दा क्यों बना रहे हैं। लोगों को हिजाब पहनने की अनुमति है”।

NEET के ड्रेस कोड के दिशा निर्देशों के अनुसार, एक निश्चित धर्म का पालन करने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए उपस्थित होने के दौरान पारंपरिक पोशाक पहनने की अनुमति है।

Karnataka Hijab Controversy, कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने शिक्षा मंत्री से हिसाब को अनुमति देने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। विरोध करने वालों का कहना है कि यह कर्नाटक हाईकोर्ट के फरवरी 2022 के आदेश का उल्लंघन होगा। इस आदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम छात्रों द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा था।

कैसे शुरु हुई Karnataka Hijab Controversy?

हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) पहली बार पिछले साल जनवरी 2022 में शुरू हुआ था। जब कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के 6 छात्रों ने संस्थान के प्रशासन पर आरोप लगाया था, कि उन्हें हिसाब पहनकर कॉलेज परिसर में प्रवेश से रोका गया है।

इसके बाद मुस्लिम लड़कियों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके जवाब में कई हिंदू छात्रों ने, कई शैक्षणिक संस्थानों में भगवा शॉल पहनकर कक्षाओं में जाना शुरु कर दिया था।

पिछले साल 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला सुनाया था, कि इस्लाम में हिसाब पहनना अनिवार्य नहीं है। हाई कोर्ट में अपने 5 फरवरी के कार्यकारी आदेश को बरकरार रखा। इसके बाद छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

ऐसा माना जा रहा है कि अब कर्नाटक सरकार द्वारा हिजाब की अनुमति देने के बाद, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण द्वारा पांच निगमों की रिक्तियों को भरने के लिए 28 और 29 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा में भी हिजाब पहनने की अनुमति होगी।

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