भारतीय Sprinter दुती चंद का जन्मदिन: उनके रिकॉर्ड और उपलब्धियों पर एक नज़र

दुती चंद एक भारतीय Sprinter हैं जिन्होंने ट्रैक एंड फील्ड की दुनिया में अपना नाम बनाया है।। दुती चंद ने एथलेटिक्स की दुनिया में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। उनका जन्म 3 फरवरी, 1996 को उड़ीसा राज्य के गोपालपुर में हुआ था। दुती ने कम उम्र में अपने एथलेटिक करियर की शुरुआत की और भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल परिदृश्य में तेजी से प्रमुखता हासिल की।

दुती चंद 3 फरवरी को अपना 27वां जन्मदिन मना रही है। उन्होंने ने अपने करियर में कई सफलताएं प्राप्त की हैं। 2014 में उन्होंने मात्र 18 साल की उम्र में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर और 4 × 400 मीटर रिले में दो स्वर्ण पदक जीते।

भारतीय Sprinter दुती चंद
भारतीय Sprinter दुती चंद

दुती 2016 ओलंपिक में 100 मीटर रेस में भाग लेने वाली तीसरी भारतीय महिला बनी। हालांकि वह इस ओलंपिक में फाइनल में पहुंचने में सफल रही। 2016 में, दुती 2016 ओलंपिक में महिला 100 मीटर में भाग लेने वाली तीसरी भारतीय महिला बनीं, हालांकि वह अंतिम कार्यक्रम के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहीं। वह इटली में 2019 के एक वर्ल्ड टूर्नामेंट में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में शीर्ष पुरस्कार लेकर, स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

अपने ओलंपिक और विश्व विश्वविद्यालय खेलों की उपलब्धियों के अलावा, दुती ने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में भी कई स्वर्ण पदक जीते हैं। वह वर्तमान में 100 मीटर की रेस में 11.22 सेकंड का रिकार्ड अपने नाम रखती है, उन्होंने यह उपलब्धि 2019 में हुईं कतर विश्व चैंपियनशिप में हासिल की थी।

वकालत भी की है दुती चंद ने

अपनी एथलेटिक उपलब्धियों के अलावा, चंद को उनके वकालत के काम के लिए भी जाना जाता है। वह LGBTQ+ अधिकारों की एक मुखर चैंपियन हैं और उन्होंने भारत में जागरूकता बढ़ाने और परिवर्तन के लिए अपने मंच का उपयोग किया है। 2014 में, वह अपनी कामुकता के बारे में खुलकर बात करने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं, जिससे वह एक ऐसे देश में एक ट्रेलब्लेज़र बन गईं जहां समान-सेक्स संबंधों को अभी भी कलंकित किया जाता है।

विवादों में भी रही दुती चंद

हाल ही में उनके यूरिन टेस्ट वे विफल रही। वे एंडारिन, ओस्टारिन और लिगैंड्रोल के टेस्ट में पॉजिटिव आईं थी।andarine और ostarine यूमिनिटी बढ़ाने वाली वाली दवाओं के एक समूह का हिस्सा हैं जिन्हें सलेक्टिव एण्ड्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर (SARMs) के रूप में जाना जाता है। यदि उनका ‘B’ यूरिन सैंपल भी पॉजिटिव आता है, तो दुती को प्रतिस्पर्धा से चार साल के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *