भारत ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर का ऑडियो क्लिप किया जारी, चीन ने किया बचाव

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकवादी साजिद मीर का ऑडियो जारी किया है। ऑडियो क्लिप में मीर द्वारा आतंकवादियों को दिए गए निर्देश शामिल हैं, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के भारत के दावों की पुष्टि करते हैं। मीर 2008 में मुंबई में 26/11 के हमले में शामिल था।

लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर का ऑडियो क्लिप संयुक्त राष्ट्र में जारी

भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने 20 जून को संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष रखा और ऑडियो सुनाया. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से चीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी (Global Terrorist) घोषित करने में अड़ंगा लगा रहा है। पिछले साल सितंबर में चीन ने साजिद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया था और इस बार भी उसने ऐसा ही किया है।

UNSC Meeting
UNSC Meeting

यह पहली बार नहीं है जब चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्तावों में हस्तक्षेप किया है। पिछले साल अक्टूबर में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था। इसी तरह, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर के भाई अबुल रऊफ असगर उर्फ अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकवादियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर

यूएनएससी (UNSC) की बैठक 28 अक्टूबर, 2022 को मुंबई के ताज होटल में हुई थी, जहां विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की मौजूदगी में साजिद मीर का एक और ऑडियो क्लिप चलाया गया था। क्लिप में मीर को आतंकवादियों को निर्देश देते हुए सुना जा सकता है, इसमें वो फोन पर आतंकियों से कह रहा था- जहां भी आवाजाही और लोग हैं, वहां अंधाधुन गोलियां चला दें।

आतंकवादी साजिद मीर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ 2001 से सक्रिय साजिद मीर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया है। एफबीआई (FBI) ने उस पर लश्कर के साथ मिलकर कई आतंकी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने का आरोप लगाया है। साजिद मीर का नाम पहली बार 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की जांच में सामने आया था।

आतंकवादी साजिद मीर
आतंकवादी साजिद मीर

26 नवंबर 2008 की रात को, 10 पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने मुंबई के चार स्थानों पर हमला किया – दो 5-सितारा होटल, रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस में एक यहूदी धार्मिक स्थल (चबाड हाउस)। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें 26 विदेशी थे।

पाकिस्तान ने रचा था साजिद मीर की मौत का नाटक

हालाँकि, पाकिस्तान ने दुनिया की आँखों में धूल झोंकने के लिए साजिद मीर को मृत घोषित कर दिया। उसका डीएनए (DNA) टेस्ट भी कराया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि वह जिंदा है। पाकिस्तान ने साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय दबाव में गिरफ्तार किया था। जून में पाकिस्तान की एक अदालत ने मीर को आतंकवादियों को पैसे देने के आरोप में 15 साल कैद की सजा सुनाई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साजिद मीर डेविड कोलमैन हेडली का हैंडलर था, जिसने मुंबई हमले के लिए आतंकवादी सदस्यों को तैयार किया था। अमेरिकी अधिकारियों ने हेडली को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह अमेरिका की जेल में सजा काट रहा है।

क्या है यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की 1267 समिति

यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की 1267 समिति ने आतंकवाद के खिलाफ ग्लोबल कार्रवाई को नियंत्रित करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस समिति द्वारा आतंकवादी संगठनों और उनके सदस्यों के खिलाफ अखिल विश्व में विभिन्न प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाए जाएंगे। यह सूची आतंकवादी गतिविधियों को रोकने, उनके संपत्ति को जब्त करने और अपराधों के लिए जुर्माना लगाने के उचित निर्णयों के लिए उपयोगी होती है।

यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की 1267 समिति का गठन साल 1999 में हुआ था और इसे अलकायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति के रूप में भी जाना जाता है। इस समिति के माध्यम से आतंकवाद के संगठनों और उनके सदस्यों के प्रति विश्व समुदाय का संकेत मिलता है कि वे उनकी गतिविधियों को सही तरीके से नियंत्रित करें और उनसे निपटें।

हालांकि, चीन के विरोध के कारण इस समिति द्वारा आतंकवादियों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव पास नहीं हो पा रहा है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की 1267 समिति में सिक्योरिटी काउंसिल के सभी 15 सदस्यों की सहमति आवश्यक होती है, और चीन के विरोध के कारण आतंकवादियों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव को अभी तक पारित नहीं किया जा सका है।

भारत पाकिस्तानी आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए सक्रिय रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांग रहा है। अमेरिका 26/11 के हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता रहा है। देश लंबे समय से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमलों का खामियाजा भुगत रहा है। पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों का अड्डा रहा है, जिन्होंने अतीत में भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है।

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