Parliament Special Session: सरकार ने बुलाया 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र, एजेंडे की नहीं दी कोई जानकारी, केवल अमृत काल का किया जिक्र

Parliament Special Session 2023 : संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को बताया कि सरकार ने सितंबर माह में 5 दिनों का संसद का विशेष रखा है। संसद का यह विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक रहेगा। प्रह्लाद जोशी ने इस पांच दिवसीय विशेष सत्र की जानकारी अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर दी। उन्होंने इस विशेष सत्र को बुलाने का कारण नहीं बताया है।

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 9 और 10 सितंबर को G20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है। इस शिखर सम्मेलन के बाद होने वाले इस पांच दिवसीय संसदीय सत्र के बारे में सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Parliament Special Session के बारे में किया ट्वीट

प्रह्लाद जोशी ने X पर ट्वीट करके बताया कि संसद का विशेष सत्र आगामी (Parliament Special Session) 18 से 22 सितंबर के दौरान होगा जिसमें पांच बैठकें होंगी। अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं। इस ट्वीट में उन्होंने यह भी बताया कि संसद का यह विशेष सत्र 17वी लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र है।

प्रह्लाद जोशी ने इस विशेष सत्र (Parliament Special Session) को बुलाने का कारण तो नहीं बताया है, न ही उन्होंने किसी महत्वपूर्ण विधेयक के पारित करने से संबंधित कोई संकेत दिया है। लेकिन उनके ट्वीट में अमृत काल का जिक्र होने से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि संसद के इस विशेष सत्र का एजेंडा अमृत काल समारोह और भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में शामिल करना हो सकता है।

संसदीय कार्य मंत्री का यह ट्वीट ऐसे वक्त पर आया है जब बीजेपी सरकार को हराने के लिए जुटे देश के सभी विपक्षी दल I.N.D.I.A. Alliance की तीसरी बैठक होने वाली है।

देश की 28 पार्टियों के समूह से बने I.N.D.I.A. की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में होगी। इस बैठक में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP), ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना सहित सभी 28 विपक्षी दलों के मिलने की संभावना है। इस एलाइंस से मोदी को हराने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। अब इस बैठक से पहले संसदीय कार्य मंत्री का संसद का विशेष सत्र(Parliament Special Session) बुलाने की खबर से कुछ असमंजस की स्थिति जरूर पैदा होगी।

इसी महीने समाप्त हुआ था संसद का मानसून सत्र।

वर्ष 2023 का संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त के बीच चला था। 23 दिनों तक चले इस मानसून सत्र में लोकसभा में 22 विधेयक जबकि राज्यसभा में कुल 25 विधेयक पारित हुऐ थे। इन विधेयकों में से कुछ विधेयक ऐसे थे जिन्हें केवल एक सत्र में मंजूरी की आवश्यकता थी क्योंकि वह पिछले सत्र में दूसरे सदन में मंजूर हो चुके थे।

संसद के बीते मानसून सत्र में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधित) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार दिल्ली (संशोधन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए थे।

विपक्ष लाया था अविश्वास प्रस्ताव

इसके अलावा इस मानसून सत्र में मौजूदा सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था। इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस भी हुई थी। परंतु 2019 के आम चुनाव से पहले मानसून सत्र की तर्ज पर पीएम मोदी और भाजपा दोनों ने अविश्वास प्रस्ताव की बहस को सरकार की उपलब्धियों और विपक्ष को बेनकाब करने के रूप में इस्तमाल किया। इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार ने अपनी उपलब्धियां को गिनाकर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का भी काम किया था।

इस अविश्वास प्रस्ताव पर लगभग 20 घंटे तक चर्चा चली थी। इस चर्चा में 60 सांसदों ने हिस्सा लिया था। इस अविश्वास प्रस्ताव की शुरुआत कांग्रेस के सदन के उपनेता गौरव गोगोई द्वारा की गई थी।

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