अजमेर 92 और 72 हूरें: आने वाली फिल्मों की विवादित कहानियाँ और चर्चा

बॉलीवुड में पिछले दिनों रिलीज हुई दो फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ ने रिलीज़ से पहले काफी विवाद क्रिएट किये थे। इन दोनों फिल्मों पर तरह-तरह के विचार व्यक्त किए गए और कुछ धर्मिक समुदायों ने इन्हें बैन करने की भी मांग की थी। ‘द केरला स्टोरी’ को बंगाल में बैन कर दिया गया था, हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस बैन को हटाना पड़ा। अब ऐसी ही कंट्रोवर्सी दो आने वाली फिल्मों ‘अजमेर 92′ और ’72 हूरें’ के आसपास घूम रही है। चलिए इन विवादों के बारे में थोड़ा अधिक जानते हैं।

‘अजमेर 92’ की कहानी

फिल्म ‘अजमेर 92’ की कहानी आधारित है अजमेर गैंगरेप केस पर। इस फिल्म का निर्देशन पुष्पेंद्र सिंह ने किया है,जिसमे उन्होंने दावा किया है कि इस फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है। 1992 में अजमेर में एक रेप केस हुआ था जिसमें स्कूल और कॉलेज की लड़कियों के साथ गैंग रेप और ब्लैकमेलिंग की गई थी। इस केस में अजमेर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष फारूक चिश्ती सहित 5 लोगों को दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। ‘अजमेर 92’ फिल्म को टी-सीरीज ने प्रोड्यूस किया है और यह 14 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।

फिल्म के प्रकाशन से पहले ही कई मुस्लिम संगठनों ने इसे घेरा है। उनका मानना है कि इस फिल्म के माध्यम से देश में मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत फैलाई जा रही है। इसके अलावा, फिल्म में दरगाह में गलत तालीम देने का भी दावा किया गया है। फिल्म में दरगाह में गलत तालीम दी जाती है और युवाओं को आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसे ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने खारिज किया है।

’72 हूरें’ की कहानी

दूसरी फिल्म “72 हूरें” की कहानी “द केरला स्टोरी” जैसी बताई जा रही है। इस फिल्म में बताया गया है कि कैसे ट्रेनर युवाओं का ब्रेनवाश करके उन्हें सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए मजबूर कर देते हैं। इस फिल्म का निर्देशन संजय पूरन सिंह चौहान ने किया है और अशोक पंडित इसे प्रोड्यूस कर रहे हैं।

इस फिल्म के टीजर में, जिहाद का समर्थन करने वाले आतंकवादियों के बैकग्राउंड वॉयस का इस्तेमाल किया गया है। टीजर के मुताबिक, युवाओं को 72 हूरों के लालच के साथ उनसे जिहाद करवाने की कोशिश की जाती है। ’72 हूरें’ 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।

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अजमेर 92 और 72 हूरें

इन दो फिल्मों के रिलीज से पहले ही विवाद की आग लग गई है और इसके प्रशंसकों और विरोधियों के बीच बहस जारी है। फिल्मों के निर्माता और निर्देशकों का दावा है कि इन फिल्मों की कहानियां और चरित्रों को ज्यादातर वास्तविकता पर आधारित रखा गया है, लेकिन कुछ लोगों को इसमें आपत्ति हो रही है।

विवाद और कंट्रोवर्सी बालीवुड में सामान्य हैं और फिल्मों पर विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और आधारभूत विषयों पर आपत्ति उठना आम बात है |

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