बिहार रेल हादसा: हादसा या साजिश? ड्राईवर को क्यों लगाने पड़े इमरजेंसी ब्रेक? पिछले कुछ समय से रेलवे पटरियों पर बंधे पत्थरों के वीडियो आ रहे थे सामने

बिहार रेल हादसा: बीते बुधवार रात करीब 9.40। बजे बिहार के बक्सर में गुवाहाटी जाने वाली कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतर जाने से एक बड़ा रेल हादसा हुआ।

यह रेल हादसा बिहार के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास हुआ। इस हादसे में अब तक चार यात्रियों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

बिहार में हुए इस ट्रेन हादसे को लोग चार महीने पहले उड़ीसा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे से भी जोड़कर देख रहे हैं। उड़ीसा के उसे ट्रेन हादसे में 296 लोगों की जान चली गई थी।

ड्राईवर को लगाने पड़े इमरजेंसी ब्रेक

रेलवे की प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि बुधवार रात करीब 9.40 बजे जब ट्रेन लगभग 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, तभी ड्राइवर को अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े।

इस प्रारंभिक जांच में रेलवे का कहना है कि हो सकता है की पटरियों में खराबी हो, इस वजह से ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े”। हालांकि अभी आगे की जांच में इस हादसे की मुख्य वजह का पता चल जाएगा।

क्या यह कोई साजिश भी हो सकती है ?

बिहार में इस रेल हादसे के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे साजिश भी बता रहे हैं। हालांकि इस बात पर विचार भी किया जा सकता है। क्योंकि बीते कुछ दिनों में रेलवे पटरियों पर बड़े-बड़े पत्थर (बोल्डर) बंधे हुए पाए गए थे।

रेलवे विभाग द्वारा, पटरियों पर बंधे पाए गए इन पत्थरों का वीडियो भी जारी किया था। इन वीडियो को देखकर साफ पता चलता है कि रेल पटरियों पर इन बड़े-बड़े पत्थरों को जानबूजकर बड़ी दुर्घटना के इरादे से बांधा गया था।

रेलवे अधिकारियों को पटरियों पर बंधे हुए इन पत्थरों का पता दिन के समय में ही चल गया था। इसलिए वे हादसे टल गए थे। जबकि बिहार में यह रेल हादसा रात के समय हुआ है एवं हादसे की वजह भी इमरजेंसी ब्रेक लगाना बताई जा रही है। तो इन कड़ियों को जोड़ने से यह पता चलता है कि हो सकता है यह दुर्घटना नहीं बल्कि सोची समझी साजिश हो।

बिहार रेल हादसे में मरने वाले यात्री

बिहार रेल हादसे में मरने वाले व्यक्तियों की पहचान ऊषा भंडारी (33) उनकी बेटी आकृति भंडारी (8) अबू जैद (68) और नरेंद्र (70) के रूप में हुई।

ऊषा भंडारी और आकृति भंडारी असम के तिनसुकिया की रहने वाली है। जबकि अबु जैद बिहार के किशनगंज जिले का रहने वाला है। नरेंद्र का अभी तक पता नहीं चल सका है।

इस हादसे में हुए घायलों का इलाज अभी चल रहा है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने पटना एम्स को घायलों के इलाज के लिए विशेष निर्देश दिए।

बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे का किया ऐलान

इस रेल हादसे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया। इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपए देने का भी ऐलान किया।

नीतीश कुमार ने कहा कि बड़े दुख की बात है जो इस तरह की बड़ी दुर्घटना घटी है। दुर्घटना का पता चलते ही राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद की जा रही है।

बता दें कि 23 कोच वाली यह ट्रेन (नंबर 12506) 11 अक्टूबर को सुबह, लगभग 7.40 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से रवाना होकर, असम के तिनसुकिया जा रही थी। इसी दौरान यह घटना बिहार के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास घटित हुई।

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