बाराबंकी में 3 मंजिला इमारत गिरी: रात 3 बजे सोते समय हादसा, 4 लोग अब भी मलबे में दबे; इमारत की कमजोर नींव की बजाय क्यों किया गया निर्माण?

सुबह तीन बजे बाराबंकी में बड़ा हादसा हो गया। अचानक 3 मंजिला इमारत ढह गई, जिससे एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई. फिलहाल मलबे में अभी भी 4 लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन ने परिवार के 12 सदस्यों को सफलतापूर्वक बचा लिया है. रिपोर्टों से पता चलता है कि कमजोर नींव के कारण घर ढह गया। मृतक व्यक्ति की उम्र 20 साल थी. यह घटना फ़तेहपुर कोतवाली क्षेत्र में हुई.

एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि हाशिम के आवास की तीसरी मंजिल गिरी है। घटना के दौरान घर के अंदर 16 लोग थे, जो सभी सो रहे थे। फिलहाल 12 लोगों को बचाया जा चुका है, जबकि दुर्भाग्य से 2 की जान चली गई है. साथ ही, 4 लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। फिलहाल एनडीआरएफ की टीम उन्हें निकालने की कोशिशों में जुटी हुई है.

आसपास के लोगों ने बताया कि वे किसी विस्फोट जैसी तेज़ आवाज़ से जाग गए थे। बाहर निकलने पर पता चला कि हाशिम का पूरा घर ढह गया है। इस घटना से स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर डायल करके घटना की सूचना दी। कुछ ही देर बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ को बुलाया गया.

बाराबंकी हादसा: मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका

करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें हाशिम की 22 वर्षीय बेटी रोशनी और इस्लामुद्दीन के 25 वर्षीय बेटे हकीमुद्दीन की दुर्भाग्य से मौत हो गई. हाशिम की पत्नी शकीला, बेटियां जैनब (10) और महक (12), बेटे समीर (18), सलमान (25), सुल्तान (28), जफरुल हसन (35), इस्लामुद्दीन और उनकी मां उम्म कुलसुम (60) गंभीर रूप से घायल हो गईं। . वहीं, मो आजम (18) पुत्र मो. हाशिम और इस्लामुद्दीन के बेटे अल्तमस (11) को छुट्टी दे दी गई है।

वहीं, दो लोगों की हालत गंभीर देख उन्हें लखनऊ ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया। साथ ही बाकी 10 लोगों की हालत भी गंभीर है. ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. हाशिम के परिवार में 20 लोग शामिल थे, हाशिम खुद लखनऊ में भर्ती थे। जब वह बीमार पड़े तो परिवार के चार सदस्य पहले ही लखनऊ जा चुके थे। सौभाग्य से, वह अब खतरे से बाहर है।

व्यवसायी हाशिम की घर के भूतल पर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान है। साथ ही उनके दो भाई और उनका परिवार भी इसी घर में रहता है। हाशिम के घर का निर्माण एक संकरे इलाके में हुआ था. वर्तमान में, एसडीएआरएफ के 250 व्यक्तियों की एक टीम इस स्थान पर राहत प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में एक डॉग स्क्वायड को भी नियुक्त किया गया है।

राबिया सिद्दीकी: घटनास्थल पर आई तो उन्हें बताया कि उनके रिश्तेदार का घर ढह गया, सिलेंडर फटने से हुई घटना

राबिया सिद्दीकी ने कहा कि वह अपनी भाभी को घटनास्थल पर लेकर आई थीं, जहां उन्हें बताया गया कि उनके रिश्तेदार का घर ढह गया है। वे तुरंत वहां गए और लोगों को बचाया, उन्हें अस्पताल पहुंचाया। तीन मंजिला मकान में किराएदार नहीं बल्कि पूरा परिवार रहता था और उसी के अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान भी थी। दुकान का कामकाज ख़त्म हो चुका था, और बैटरियाँ अब काम नहीं कर रही थीं। साथ ही घर में दो सिलेंडर भी मौजूद थे. बहू खाना पकाने के लिए ऊपरी मंजिल का उपयोग करती थी, जबकि राबिया की ननद नीचे खाना बनाती थी। इन परिस्थितियों के चलते ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह घटना सिलेंडर फटने से हुई है।

आसपास के लोगों ने बताया कि हाशिम का मकान 20 साल पुराना है। इसके बाद, पहले से मौजूद घर के ऊपर एक तीन मंजिला संरचना का निर्माण किया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि कमजोर नींव के कारण पूरा मकान ढह गया। इसके अतिरिक्त, एक महत्वपूर्ण चिंता यह भी उठती है कि अधिकारियों ने उचित प्राधिकरण प्राप्त किए बिना निर्माण की अनुमति क्यों दी।

लखनऊ के ट्रामा सेंटर में घायलों को रेफर किया गया

एसपी बाराबंकी दिनेश सिंह के अनुसार, घटना लगभग 3:00 बजे हुई और बचाव के प्रयास तुरंत शुरू किए गए। लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम आ गयी है. बारह व्यक्तियों को जिला अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दो मौतें हुईं। गंभीर रूप से घायल लोगों को बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। फिलहाल चार लोगों के फंसे होने की सूचना है, बचाव अभियान जारी है।

बाराबंकी हादसा: सीएम योगी ने घटना को संज्ञान में लिया

वहीं, सीएम योगी ने बाराबंकी में इमारत गिरने से हुए हादसे की बात स्वीकारी है. मुख्यमंत्री ने इस घटना में हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायल व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल मिले।

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