यूरोनेक्स्ट: आग जलाई और सरकार विरोधी नारे लगाए, पेरिस में सरकार के खिलाफ़ जोरदार विरोध प्रदर्शन।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में यूरोनेक्स्ट स्टॉक एक्सचेंज में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन गुरुवार को हुआ। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सरकारी विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की Retirement Age यानी सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि करने के फ़ैसले के बाद यह विरोध प्रदर्शन यूरोनेक्स्ट स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड यूनियन द्वारा किया गया। इस फ़ैसले के विरोध लगातार एक के बाद एक प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के तहत कई इमारतों को छतिग्रस्त की किया गया।

लगभग 250-300 प्रदर्शनकारी यूरोनेक्स्ट स्टॉक एक्सचेंज की बिल्डिंग में घुस गए और इन प्रदर्शनकारियों बिल्डिंग के अंदर ट्रेड यूनियन के झंडे भी लहराए और स्टॉक एक्सचेंज की लॉबी पर धावा बोल। प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग के अंदर मशाल मशाल जलाई जिनकी लपटों से पूरी बिल्डिंग में धुआं धुआं हो गया और चारों तरफ भयानक मंजर हो गया।
इसके अलावा वह नारी भी लगा रहे थे, “हम यहां हैं, हम यहां हैं, भले ही मैक्रॉन नहीं चाहते हैं कि हम यहां हैं,”

यूरोनेक्स्ट में रेलवे कर्मचारी भी विरोध में शामिल

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों में कई विभाग के कर्मचारी शामिल थे। जिसमें रेल कर्मचारी भी शामिल थे। उन्होंने रेलवे स्टेशन के बाहर अपने विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की। अबे अपने साथ में झंडा और बैनर भी लिए हुए थे।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति मैक्रॉन द्वारा 62 से 64 उम्र तक के अधिकांश फ्रांसीसी श्रमिकों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इस विधेयक के पास होते ही यूरोनेक्स्ट द्वारा इसका विरोध होने लगा। अब यह विरोध प्रदर्शन पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के रूप में बदल गया है।

राष्ट्रपति मैक्रॉन ने बिल पर पुनर्विचार से किया इनकार

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने बिल पर पुनर्विचार करने से यह तर्क देते हुए साफ मना कर दिया है कि फ्रांस की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को बचाए रखने के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना आवश्यक है।” हालांकि उनके इस फैसले से यूनियन पूरी तरह असहमत है।

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फ्रांस की ट्रेड यूनियनों ने इस बिल के लिए सरकार से मतदान करने का आह्वान किया है। अगर मतदान नहीं होता हैं तो फ्रांस के ट्रेड यूनियनों ने मिलकर आगामी 1 मई को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल करने की योजना बनाई है। लेफ्ट और राइट दोनों विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर इसका विरोध किया है और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा ऐसा उन्होंने दावा किया है।

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