उत्तराखंड की देवभूमि भूमि में स्थित 250 अवैध धर्मस्थलों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार निर्णायक कार्रवाई कर रही है। सरकारी जमीनों पर कब्जा करके अवैध रूप से बनाए गए इन मजारों या मकबरों को पुष्कर धामी की सरकार ने मजार जिहाद के खिलाफ अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया था।
क्या बोले पुष्कर धामी
अभियान के बारे में बोलते हुए, उत्तराखंड सरकार के प्रमुख पुष्कर धामी ने कहा, “देवभूमि के सनातन स्वरूप को बनाए रखना हमारी पहली और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हम तुष्टीकरण नहीं कर रहे हैं। हम सरकारी जमीन से अवैध निर्माण हटा रहे हैं।’इस भावना को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हरीश बहल ने प्रतिध्वनित किया, जिन्होंने कहा, “हम पूरे उत्तराखंड में ऐसे अवैध मंदिरों और मकबरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।”
अवैध मजारों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने दिखाई सख्ती
मंगलवार को ऐसी 15 कब्रों को राज्य सरकार ने गिरा दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर इन मकबरों का निर्माण किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि ध्वस्त की गई किसी भी कब्र में कोई मानव या अन्य अवशेष नहीं पाए गए।
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इन अवैध धर्मस्थलों और मकबरों को तोड़ने के अलावा सरकार ने अवैध रूप से मजार बनाने की कोशिश करने वालों पर जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने इस मामले को अदालत में ले जाने की धमकी भी दी है।
राज्य के अधिकारियों का किसी भी धर्म या संप्रदाय के साथ भेदभाव करने का कोई इरादा नहीं है। की गई कार्रवाई पूरी तरह से उत्तराखंड के लोगों के लिए विशेष महत्व रखने वाले प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के अनुरूप है।
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