तारिक़ फ़तेह को श्रद्धांजलि: विचारशील वकालत और लेखन की दुनिया के लिए एक नुकसान

एक प्रमुख व्यवसायी, सामाजिक कार्यकर्ता और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समर्थक तारिक़ फ़तेह का 24 अप्रैल 2023 को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

तारिक़ फ़तेह की विरासत

तारिक फतेह एक मशहूर लेखक, प्रसारक और सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता थे, जिनका जन्म 20 नवंबर, 1949 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। उनका परिवार मुंबई का रहने वाला था, लेकिन भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में बस गया था। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में पत्रकारिता को अपना पेशा बनाया।

तारिक फतेह ने पाकिस्तानी टीवी चैनलों में काम किया और 1970 में वे कराची सन नाम के अखबार में रिपोर्टिंग करते थे। वे खोजी पत्रकारिता के कारण जेल भी गए थे, हालांकि बाद में वे पाकिस्तान छोड़ कर सऊदी अरब चले गए थे। बाद में 1987 में वे कनाडा में बस गए थे।

भारत के लिए अतिवाद और वकालत से लड़ना

तारिक फतेह को सुलझाने वाले मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों के कारण वे चर्चा में रहे थे। वे इस्लामी अतिवाद के खिलाफ मुखरता से बोलते और लिखते रहे थे। उनकी मृत्यु ने उनके लेखकी और प्रसारकी करियर को एक अंत लगा दिया जो दुखद है।
तारिक साहब ने पहली बार 2013 में भारत दौरे पर आए थे और एक इंटरव्यू में कहा था, ‘पाकिस्तान को तो अब भूल जाइए। इसको एक न एक दिन टूटना ही है। वो दिन भी दूर नहीं जब बलूचिस्तान उससे अलग हो जाएगा। पाकिस्तानी सेना एक औद्योगिक माफिया है जिसका अपने देश के अनाज, ट्रकों, मिसाइलों से ले कर बैंकों तक पर नियंत्रण हैं।’ फतेह ने कहा था, ‘भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां मुसलमान बिना डरे काम करते हैं।’

लेखक तारिक फतेह ने खुद को पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय बताया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय हूं, इस्लाम में जन्मा पंजाबी हूं; एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक अप्रवासी और एक मार्क्सवादी मार्गदर्शित युवा हूं।’

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तारिक फतेह का समर्थन

देश में सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर हुए दंगो के बाद तारिक ने कहा था, ‘हर वह व्यक्ति हिंदू है, जो हिंदुस्तान के इतिहास मे जन्मा है।’ वे अयोध्या में राम मंदिर के बनाने के पक्षधर थे। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में मंदिर मुसलमानों के हाथ से बनना चाहिए और एक गुंडा अफगानिस्तान से आया और आपकी जमीन पर घर बनाकर चला गया।

वे प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक भी हैं और एक अखबार के दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मोदी ने अपने आठ साल के कार्यकाल में मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं कहा। पिछले कई सालों से आपको जबलपुर दंगे, बंबई दंगे जैसे वाकये देखने को नहीं मिले। मोदी ने ऐसा कुछ नहीं किया जो मुसलमानों के लिए नुकसानदेह हो, उन्हें खतरा पहुंचाता हो।

सभी नवीनतम समाचारदुनिया समाचारक्रिकेट समाचारबॉलीवुड समाचार, पढ़ें,

राजनीति समाचार और मनोरंजन समाचार यहाँ। हमे फेसबुकगूगल न्यूज़ तथा ट्विटर पर फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *