कार्यवाही तो होगी, मोदी की डिग्री के मामले में सुप्रीमकोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ़ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार।

पीएम मोदी की डिग्री का मामला : आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से झटका दिया गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने पर विचार करने से इनकार कर दिया।

पीएम मोदी की डिग्री के मामले में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा अरविंद केजरीवाल पर विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के आरोप में मानहानि का केस दर्ज कराया था। इसी मानहानि केस की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए केजरीवाल ने हाईकोर्ट का रुख किया। यहां निराश होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आपराधिक मानहानि मामले पर कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब हाई कोर्ट में पहले से लंबित इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।

क्या है पीएम मोदी की डिग्री का मामला?

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने 2016 में RTI के तहत प्रधानमंत्री मोदी की डिग्रियों की जानकारी मांगी थी। इसके बाद अप्रैल 2016 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना आयुक्त (CIC) एम श्रीधर आचार्युलु ने गुजरात विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालय को पीएम मोदी की (शैक्षणिक योग्यता) डिग्रियों की जानकारी देने का आदेश दिया था।

इसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी ने इस आदेश के खिलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थीं। इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट ने पीएम की डिग्री की जानकारी उपलब्ध कराने के (CIC) एम श्रीधर आचार्युलु के आदेश पर रोक लगा दी थी। उस वक्त गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय को पीएम की डिग्री की जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल पर 25000 का जुर्माना भी लगाया था।

गुजरात विश्वविद्यालय में केजरीवाल पर मानहानि का किया केस।

गुजरात हाईकोर्ट द्वारा पीएम मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के फैसले पर रोक लगाने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्टर पीयूष पटेल ने केजरीवाल और उनके नेता संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस ठोका। मानहानि का यह केस गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने एवं उनकी कथित टिप्पणियों के मामले में था।

गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्टर पीयूष पटेल की इस याचिका में शिकायत की थी कि “केजरीवाल और उनके नेता संजय सिंह द्वारा प्रेस कांफ्रेंस और ट्विटर पर मोदी की डिग्रियों को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए अपमानजनक बयान दीए है। ये यह बयान व्यंगात्मक थे और जानबूझकर विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के उद्देश्य दे दिए गए थे”।

केजरीवाल ने गुजरात हाईकोर्ट में उनके खिलाफ़ दायर मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में एक अन्य याचिका दायर की थी। परंतु हाईकोर्ट ने बीते 11 अगस्त को अरविंद केजरीवाल की इस याचिका को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने भी किया निराश

हाई कोर्ट से निराश होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल को बड़ा झटका देते हुए मानहानि मामले कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज ने यह भी कहा कि मामला गुजरात हाई कोर्ट में लंबित है और अगली सुनवाई 29 अगस्त को निर्धारित है। गुजरात विश्वविद्यालय की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल तथ्यों को छुपा रहे हैं।

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