टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आखिरी ग्रैंड स्लैम खेलने के बाद संन्यास ले लिया। इसके साथ ही उनका लगभग 20 वर्ष लंबा टेनिस कैरियर भी समाप्त हो गया हालांकि अपने आखरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सानिया मिर्जा एवं अपने जोड़ीदार हमवतन रोहन बोपन्ना के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिक्स्ड डबल्स के फाइनल तक पहुंच गई थी लेकीन ब्राज़ील की लुईसा स्टेफनी और राफेल माटोस से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सानिया ने अपने कैरियर की समाप्ति के लिए उसी मेलबर्न के ग्राउंड को चुना जहां पर उन्होंने करियर की शुरुआत की थी। हालांकि उन्होंने अगले महीने फरवरी में दुबई में WTA 1000 में आखिरी बार टेनिस खेलेंगी।
विदाई स्पीच में झलके आंसू
अपने कैरियर के आखिरी ग्रेंड स्लैम मुकाबले में सानिया मिर्जा को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन जब उन्हें मैच के बाद कैरियर की आखिरी स्पीच देने के लिए आमंत्रित किया गया और स्पीच देते वक्त वह भावुक हो गईं, बोलते-बोलते कई बार उनके आंसू भी निकले।
शानदार रहा सानिया मिर्ज़ा का करियर
सानिया मिर्जा भारत की सबसे कामयाब महिला टेनिस खिलाड़ी भी है उन्होंने 2005 में अपने कैरियर की शुरुआत में ही WTA टुअर टाइटल भी जीता था। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला थी।
सन 2007 में ज़ारी रैंकिंग में उन्होंने दुनियां के टॉप 30 खिलाड़ियों की लिस्ट में 27वा स्थान हासिल किया था। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला खिलाड़ी थी उनसे पहले केवल विजय अमृतराज एवं रमेश कृष्णन ने ही ऐसा कारनामा किया था। इसके बाद अगले 4 वर्षों तक वह दुनिया की प्रमुख 35 खिलाड़ियों की लिस्ट में बनी रही उनके घुटने एवं कलाई की चोट ने उनके कैरियर पर थोड़ा असर जरूर डाला लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दुगनी मेहनत की।
आपको बता दें कि दुनिया की फेमस मैगजीन, टाइम मैगजीन ने सोनिया मिर्जा को सन 2005 में अपने कवर पेज पर जगह दी थी। टाइम मैगजीन ने सोनिया मिर्जा को विश्व के 50 हीरो की लिस्ट में भी शामिल किया गया।
अपने कैरियर में 6 ग्रैंडस्लैम जीतने वाली सानिया मिर्जा को भारत सरकार की तरफ से उन्हें 2004 में अर्जुन अवॉर्ड, 2006 में पद्म श्री, और 2015 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
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