रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (27 दिसंबर) को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का आकलन किया। उन्होंने सेना से न केवल देश की सुरक्षा करने बल्कि लोगों का विश्वास और समर्थन जीतने को भी प्राथमिकता देने का आग्रह किया। मंत्री ने ऐसे किसी भी कार्य से बचने के महत्व पर जोर दिया जो भारतीय नागरिकों की भलाई को नुकसान पहुंचा सकता है।
21 दिसंबर को कश्मीर के राजौरी में आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे. जांच के तहत सेना ने पुंछ इलाके से आठ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. इसके बाद, हिरासत में लिए गए तीन व्यक्तियों के शव खोजे गए। इस घटना के बाद पूरी घाटी में तनाव बढ़ गया है. इसके अलावा, राजनाथ ने मृत व्यक्तियों के परिवारों से भी मुलाकात की।
हमें युद्ध में विजयी होना चाहिए और आतंकवादियों का सफाया करना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने लोगों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने वाली सेनाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य न केवल युद्ध में जीत हासिल करना और आतंकवादियों का खात्मा करना है, बल्कि लोगों का समर्थन और स्नेह हासिल करना भी है। जबकि हमारा अंतिम उद्देश्य युद्ध जीतना है, लोगों का दिल जीतना भी महत्वपूर्ण है, और मुझे इसे पूरा करने के लिए आपके समर्पण पर विश्वास है।
हमारे खजाने के दरवाजे खुले हैं।
उन्होंने सैनिकों को आश्वस्त किया कि प्रत्येक सैनिक प्रत्येक भारतीय परिवार के सदस्य के समान है और प्रत्येक भारतीय की भावना समान है। हम उन्हें कोई नुकसान बर्दाश्त नहीं करेंगे. ऐसे हमलों को रोकने में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की अहम भूमिका होती है। सरकार निगरानी बढ़ाने के लिए हर आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। हमारा खजाना सभी के लिए आसानी से उपलब्ध है।
ऐसे हमलों की गंभीरता को कम नहीं आंकना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इन हमलों को कम करके न आंका जाए। हालाँकि मैं सेना की सतर्कता को स्वीकार करता हूँ, मेरा मानना है कि हमें और भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपका साहस हमें गर्व से भर देता है, और आपके बलिदान और प्रयास अमूल्य हैं। किसी सैनिक की शहादत पर मुआवजा देने के बावजूद कभी भी नुकसान की पूरी भरपाई नहीं हो पाती।
मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपके कल्याण के लिए समर्पित है और आपकी सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पहले की तुलना में अधिक ताकतवर और सुसज्जित नजर आ रही है।
सेना पर आरोप: पुंछ में मारपीट से मरे 3 सिविलियन, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू
जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में 21 दिसंबर को हुए आतंकी हमले के बाद सेना प्रमुख मनोज पांडे सोमवार (25 दिसंबर) को पुंछ पहुंचे। अपनी यात्रा के दौरान, सेना प्रमुख ने कमांडरों के साथ बैठकें कीं और उन्हें पेशेवर दृष्टिकोण बनाए रखने के निर्देश दिए। इस बीच, सेना ने उन सैनिकों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी है जिन पर हमले के जरिए तीन नागरिकों की मौत का आरोप है। इसके अतिरिक्त, सुरनकोट बेल्ट के लिए जिम्मेदार एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन सैनिकों को उनके वर्तमान कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।
भारत सरकार का मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर बैन, गृहमंत्री ने कहा- देश के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण संगठन को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है। शाह ने आगे लिखा कि मसर्रत आलम ग्रुप के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लगे हुए हैं।
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