पिछले चार महीनों से जारी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज आखिरकार जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त हो गई। समापन समारोह को खराब मौसम के बीच जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पार्टी कार्यालय में ध्वजारोहण समारोह के साथ शुरू हुआ। जल्द ही एक स्टेडियम में एक रैली हुई।
राहुल गांधी ने समापन रैली में कहा, “मैंने यह (यात्रा) अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं, बल्कि देश के लोगों के लिए की है। हमारा उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है, जो इस देश की नींव को नष्ट करना चाहती है।”
इसके आलावा उन्होने कहा की मैं चुनौती देता हूं भाजपा के शीर्ष नेता भी ऐसी यात्रा करके दिखाए। वो ऐसा नहीं कर सकते क्यों कि को डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि कोई भी भाजपा नेता जम्मू-कश्मीर में इस तरह नहीं चल सकता। वे ऐसा नहीं करेंगे, इसलिए नहीं कि उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी, बल्कि इसलिए कि वे डरे हुए हैं।”
कांग्रेस के अखिल भारतीय पैदल मार्च के समापन समारोह में काश्मीर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में 135 दिन लंबी कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा का अंत मेगा रैली के साथ किया।
कौन-कौन से दल हुए शामिल
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के आलावा , विपक्षी दलों के एक दर्जन से अधिक नेता रैली में शामिल हुये। बता दें कि बर्फबारी की वजह से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया है
श्रीनगर के हवाईअड्डे के निदेशक कुलदीप सिंह ऋषि ने ट्विटर पर कहा कि कम विजिबिलिटी और लगातार बर्फबारी से श्रीनगर जाने वाली सभी उड़ानों में देरी हुई है।
जिन 12 दलों के शामिल होने की पुष्टि हुई है। उनमें शरद फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PPD), पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), उद्धव ठाकरे की पार्टी शामिल शिवसेना, एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद), नीतीश कुमार की जनता दल (UNITED), सीपीआई (M), सीपीआई, विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), केरल कांग्रेस, और शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) आदि विपक्षी दल कांग्रेस के भारत जोड़ों यात्रा में शामिल हुये।
भारत जोड़ो यात्रा पर एक नज़र
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा 7 सितंबर को देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी से शुरू होकर 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 3,970 किमी की दूरी तय करते हुए 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुई।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 100 से अधिक बैठकें और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं।
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