मुंबई के चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर चिंतामनराव देशमुख करने का प्रस्ताव, शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में लिया गया फैसला।

शिंदे गुट की इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। बैठक में अहम फैसला लिया गया। बैठक में मुंबई के चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम चिंतामनराव देशमुख करने का फैसला लिया गया। चिंतामनराव देशमुख पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं। चिंतामनराव देशमुख जी को CD देशमुख के नाम से भी जाना जाता है।

कौन हैं चिंतामनराव देशमुख ?

चिंतामनराव देशमुख का पूरा नाम चिंतामनराव द्वारकानाथ देशमुख है। उनका जन्म 14 जनवरी 1896 को महाराष्ट्र के नाटेगांव में हुआ था। वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और सिविल सेवक थे जिन्होंने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गवर्नमेंट सिविल सर्वेंट देशमुख जी आजादी से पहले सन 1943 में भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर बने।

पूर्व गवर्नर CD देशमुख
पूर्व गवर्नर CD देशमुख


उन्होंने सन 1939 में भारतीय रिजर्व बैंक मैं सेक्रेटरी ऑफ बोर्ड के पद के रूप में काम करना शुरू किया। इसके बाद अगस्त 1943 में उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के रूप में अप्वॉइंट किया गया और वह इस पद पर 1949 तक बने रहे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर बनने से पहले वह आरबीआई के 8 उप गवर्नर में से एक थे। उन्होंने देश के लिए कई महान कार्य किए। भारत की स्वतंत्रता के प्रारंभिक वर्षों में वह 1950-56 के दौरान भारत के वित्त मंत्री भी बने। अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के जाने-माने चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर चिंतामनराव देशमुख रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव पारित किया है।

रिज़र्व बैंक में कई महत्वपूर्ण काम भी किए

सीडी देशमुख ने आरबीआई के अपने कार्यकाल के दौरान एक अनुसंधान और सांख्यिकी विभाग शुरू किया था। इसके अलावा 500 रुपये और उससे अधिक के नोटों का विमुद्रीकरण, बर्मा और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के केंद्रीय बैंकों के रूप में आरबीआई की भूमिका को समाप्त करना और बैंकिंग कंपनी अधिनियम, 1949 को लागू करना इसने भारत के बैंकिंग क्षेत्र के नियमन के लिए रूपरेखा भी देशमुख द्वारा ही तैयार की गई थी।

शिवसेना प्रमुख के रुप में नामित किया एकनाथ शिंदे को

बैठक में मंत्री उदय सामंत ने कहा कि अध्यक्ष दादा भुसे, शूरदाजे देसाई, संजय मोरे की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय अनुशासन समिति बनाई जाएगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुख्य नेता के तौर पर बरकरार रखा गया है।

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एकनाथ शिंदे के पास पार्टी की सभी शक्तियां होंगी। इस बैठक में मराठी भाषा को सर्वाधिक महत्व और अभिजात वर्ग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया। भूमिपुत्र (भूमिपुत्र) को 80 प्रतिशत रोजगार देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव

चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना गुट को पार्टी का नाम और धनुष और तीर का प्रतीक आवंटित किया। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद यह शिंदे सरकार की यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक थी। मंगलवार को हुई इस बैठक में शामिल प्रस्तावों में हिंदुत्व विचारधारा के विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग भी शामिल थी।

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