पश्चिम बंगाल की पुलिस ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके में छापेमारी की छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिला। पुलिस में कम से कम 100 लोगों को अवैध निर्माण कारखाने चलाने में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया। इस मामले में पुलिस ने कुल 132 मामले दर्ज किए हैं। यह जानकारी पुलिस ने समाचार एजेंसी PTI को दी।
पुलिस ने सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात में मुख्य रूप से नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में विभिन्न स्थानों दबिश दी। सोमवार से शुरु हुए इन छापों के बाद दो दिनों में पुलिस को यह सफलता हाथ लगी।
पुलिस ने बताया कि विभिन्न जिलों की पुलिस के अधिकारियों से 29 मई तक राज्य सचिवालय ने विस्फोटकों एवं पटाखों की बरामदगी और गिरफ्तारी पर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा है।
पश्चिम बंगाल में 8 दिन में अवैध विस्फोटक के तीन मामले
पश्चिम बंगाल की पुलिस को छापेमारी के दौरान पिछले 8 दिनों में एक के बाद एक कई इलाकों से अवैध पटाका निर्माण कारखाने एवं विस्फोटक सामग्री मिली है। पश्चिम बंगाल में विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने की वजह से राज्य के गोदाम में भीषण आग लग गई थी। इस घटना में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद राज्य की पुलिस हरकत में आई और विभिन्न जगहों पर छापेमारी की जिसके बाद लगातार एक के बाद एक अवैध कारखाने एवं विस्फोटक सामग्री मिल रही है।
ममता बनर्जी इस मामले में करेंगी बैठक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अवैध विस्फोटक सामग्री के मिलने के संबंध में राज्य सचिवालय में व्यापारियों के साथ बैठक करने वाली हैं और इन पटाका निर्माण इकाइयों के क्लस्टर पर स्थापित करने का निर्णय लेंगी।
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राज्य के एक अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए 24 परगना जिले के बारुईपुर क्षेत्र में हरल में ‘बाजी (पटाखे) बाजार को बंद करने का फैसला किया। इसके अलावा वहां के सभी व्यापारियों को एहतियात के तौर पर अपने कब्जे में सभी कच्चे माल को स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा करने के लिए कहा गया है
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