संसदीय गठबंधन के 20 सांसद मणिपुर के दर्द को समझने के लिए रवाना, सरकार ने दौरे की परमिशन नहीं दी

विपक्षी संसदीय गठबंधन इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के 20 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई, यानी शनिवार को राजधानी इंफाल के लिए रवाना हो गया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य है मणिपुर के लोगों की समस्याओं को समझना और उनके दर्द को महसूस करना। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने इस दौरे की परमिशन नहीं दी है जिसके कारण सांसदों को एयरपोर्ट पर रोका जा सकता है।

हिंसा और समस्याओं का समाधान ढूंढने का मिशन: संसदीय गठबंधन

तीन महीनों से जारी तनाव और हिंसा में घिरे मणिपुर में, संसदीय गठबंधन के 20 सांसदों ने एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे में राज्य की त्रासदी का आकलन करेगा और समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और संसद को अपनी राय भी पेश करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने इस दौरे को मंजूरी नहीं दी है जिससे संसदीय गठबंधन के सदस्यों को एयरपोर्ट पर भी रोका जा सकता है।

यह है 21 सांसदो की सूचि

राजदल, कांग्रेस, एनसीपी, आरएलडी आदि के सदस्य

  1. अधीर रंजन चौधरी- कांग्रेस (Adhir Ranjan Chowdhury – Congress)
  2. गौरव गोगोई- कांग्रेस (Gaurav Gogoi – Congress)
  3. सुष्मिता देव- टीएमसी (Sushmita Dev – Trinamool Congress)
  4. महुआ माझी- जेएमएम (Mahua Moitra – AITC)
  5. कनिमोझी- डीएमके (Kanimozhi – DMK)
  6. मोहम्मद फैजल- एनसीपी (Mohammad Faizal – NCP)
  7. जयंत चौधरी- आरएलडी (Jayant Chaudhary – RLD)
  8. मनोज कुमार झा- आरजेडी (Manoj Kumar Jha – RJD)
  9. एनके प्रेमचंद्रन- आरएसपी (N. K. Premachandran – RSP)
  10. टी थिरुमावलन- वीसीके (T. R. Baalu – DMK)
  11. राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह- जेडीयू (Rajiv Ranjan Singh alias Lalan Singh – JDU)
  12. अनील प्रसाद हेगड़े- जेडीयू (Anil Prasad Hegde – JDU)
  13. एए रहीम- सीपीआई-एम (E. T. Mohammed Basheer – CPIM)
  14. संतोष कुमार- सीपीआई (Santosh Kumar – CPIM)

आप, जेडीयू, शिवसेना आदि के सदस्य

  1. जावेद अली खान- सपा (Javed Ali Khan – SP)
  2. ईटी मोहम्मद बशीर- आईएमएल (E. T. Mohammed Bashir – IUML)
  3. सुशील गुप्ता- आप (Sushil Gupta – AAP)
  4. अरविंद सावंत- शिवसेना (उद्धव गुट) (Arvind Sawant – Shiv Sena (Uddhav Faction))
  5. डी रविकुमार- डीएमके (D. Ravikumar – DMK)
  6. फूलो देवी नेताम- कांग्रेस (Fulo Devi Netam – Congress)
  7. के सुरेश- कांग्रेस (K. Suresh – Congress)
दिल्ली एयरपोर्ट पर I.N.D.I.A के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने ग्रुप फोटो खिंचवाई।
दिल्ली एयरपोर्ट पर I.N.D.I.A के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने ग्रुप फोटो खिंचवाई।

कोआर्डिनेटिंग कमेटी की रैली

एकता में बढ़ चढ़कर मुद्दे का सामना करने के लिए मैतेई समुदाय से जुड़े एक ग्रुप कोआर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रेटी (कोकोमी) ने इंफाल में एक रैली निकालने का फैसला किया है। इस रैली में कोआर्डिनेटिंग कमेटी के सदस्य समुदाय के बीच एकता और शांति को बनाए रखने का संदेश देने की कोशिश करेगा।

मैतेई समुदाय की महिलाओं ने ऑल कोंगबा रोड यूनाइटेड
मैतेई समुदाय की महिलाओं ने ऑल कोंगबा रोड यूनाइटेड

महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में CBI ने दर्ज की FIR:

एक अलग मामले में, (CBI) ने महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में FIR दर्ज कर ली है। इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का वादा किया गया है।

Manipur-Voilence
Manipur-Voilence

संसदीय गठबंधन के नेताओं ने दिए बयान

विपक्षी संसदीय गठबंधन के सदस्य इस दौरे को राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द और जटिल स्थिति को समझने के लिए निकल रहे हैं। इस विशेष दौरे के दौरान, सभी सांसदों ने राज्य की अस्पष्ट स्थिति को समझने और अधिक से अधिक लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए अपनी संवेदनशीलता को दिखाने का वादा किया है।

Congress Leader
Congress Leader

सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों की सभी समस्याओं को समझने और समाधान के लिए जा रहे हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है और इसका असर सीधे राज्य के लोगों पर पड़ रहा है। हम उनके साथ खड़े होकर उनका दर्द समझने और सहायता पहुंचाने के लिए यहां हैं।”

संसदीय गठबंधन
संसदीय गठबंधन

सांसद सुशील गुप्ता ने भी इस दौरे को राजनीतिक रूप से देखने से इंकार किया और कहा, “सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और प्रधानमंत्री संसद में नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में, हम वहां की सच्चाई जानने के लिए ग्राउंड पर जा रहे हैं। यह हमारे प्रयास है कि हम राज्य के लोगों की समस्याओं को समझ सकें और उनकी मदद कर सकें।”

केंद्रीय मंत्री का बयान: अधीर रंजन को बंगाल की स्थिति देखनी चाहिए

कोलकाता में शनिवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी संसदीय गठबंधन के सदस्य अधीर रंजन चौधरी को बंगाल की स्थिति भी देखने की अपील की। उन्होंने कहा, “अधीर रंजन को सांसदों के साथ बंगाल की स्थिति भी देखनी चाहिए। वहां की जनता भी उनसे मदद की उम्मीद कर रही है।”

संसदीय गठबंधन : दौरे के आगामी दिनों की योजना

इस प्रतिनिधिमंडल का दौरा 30 जुलाई तक जारी रहेगा और इस समय में सांसदों को विभिन्न जगहों पर जमीनी स्थिति का आकलन करने का प्रयास किया जाएगा। वे मणिपुर के लोगों के साथ संवाद करेंगे और उनकी दिक्कतों को समझने की कोशिश करेंगे ताकि उन्हें उचित समाधान प्रदान किया जा सके। दौरे के दौरान, संसदीय गठबंधन के सदस्य विभिन्न समाजसेवी संगठनों, सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे जो राज्य में समस्याओं के समाधान में सहायता कर सकते हैं।

इस दौरे का मुख्य लक्ष्य है मणिपुर में हुई तनावपूर्ण घटनाओं और हिंसा के पीछे के कारणों को समझना ताकि वहां की स्थिति को सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। सांसदों ने यह भी दावा किया है कि उनके दौरे का उद्देश्य राजनीतिक होने से ऊपर है और वे राज्य के लोगों के समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को अपनी राय प्रदान करेंगे।

दौरे के दौरान, संसदीय गठबंधन के सदस्यों ने वहां के लोगों के साथ सम्मानपूर्वक बातचीत की और उनकी शिकायतों को ध्यान से सुना। उन्होंने राज्य सरकार से भी अपील की है कि वे जनता के मुद्दों को गंभीरता से लें और उनके समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाएं।

गठबंधन के नेताओं ने भी राज्य में तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों और सुरक्षा बलों को समर्थन प्रदान करने की अपील की है। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि जनता के मुद्दों का ध्यान रखते हुए उचित समाधान की खोज की जाए और राज्य को शांति और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

संसदीय गठबंधन के सदस्यों का मणिपुर दौरा: राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित प्राधिकरणों को देंगे अपनी राय

इस दौरे के आगामी दिनों में, संसदीय गठबंधन के सदस्य और गठबंधन के अन्य नेता विभिन्न जनसभाओं और अन्य संगठनों के साथ भी मिलकर राज्य की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए संबंधित प्राधिकरणों को अपनी राय प्रदान करेंगे। दौरे के समापन में, वे राज्य के लोगों के दर्द को समझने और उनके लिए योजनाएं बनाने का प्रयास करेंगे ताकि राज्य को शांति, सुरक्षा, और समृद्धि की ओर एक नई प्रेरणा मिल सके।

भीषण हिंसा में सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच फिर हुई मुठभेड़, तीन लोगों की जान जाई

मणिपुर राज्य में 3 मई से शुरू हुई कुकी और मैतेई समुदायों के बीच तनावपूर्ण हिंसा ने अब सुरक्षाबलों की ओर मुड़ गई है। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में बीते 24 घंटों में सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच कई जगह मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के दौरान तीन लोगों की जान चली गई है और पांच लोग घायल हो गए हैं। सेना और मणिपुर पुलिस के कमांडो सहित पांच लोग घायल होने की खबर है।

जवानों को समर्थन के लिए कुमाऊं रेजिमेंट के जवान भेजे गए हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटना के पीछे उग्रवादी कैडर का शामिल होने की आशंका है और इतने बड़े हमलों को भीड़ अंजाम नहीं दे सकती है।

नगालैंड के मुख्यमंत्री की अपील

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने बीते दिनों इस हिंसा के बाद राज्यों के नेताओं से अपील की है कि वे मणिपुर के मामले में दखल न दें। सुरक्षा बलों को समर्थन प्रदान करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि सभी राज्यों को सम्मोहन बांटने के बजाय समस्याओं को समझने और सही समाधान निकालने के लिए सहयोग करना चाहिए।

वायरल वीडियो की जांच हुई तेज़

वायरल वीडियो मामले की जांच तेजी से प्रगति कर रही है। दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वीडियो के बाद पुलिस ने पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है। मणिपुर पुलिस के अनुसार, इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है।

जांच के दौरान पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने का दावा किया है और सुरक्षाबलों के द्वारा हिंसा के पीछे छुपे अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई करने का वादा किया है। इस मामले के दोषियों को वास्तविकता से सामने लाने के लिए पुलिस ने विभिन्न संबंधित स्रोतों का सहारा लिया है और वायरल वीडियो की सत्यता और पृष्ठभूमि को जांचने के लिए कठोर निरीक्षण कर रही है। गिरफ्तारियों की जांच के दौरान, पुलिस उग्रवादी तत्वों के संलग्न होने की भी संभावना को देखते हुए गहराई से जांच प्रक्रिया को चला रही है।

हिंसा में अब तक 150 से जायदा लोगो की जा चुकी है जान

मणिपुर में हिंसा के बदलते आंकड़ों ने भयावह माहौल को जारी रखा है। इस विकराल उत्पात के दौरान अब तक 150 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 3 से 5 मई के बीच 59 लोगों की मौत हुई थी, 27 से 29 मई के बीच 28 लोगों की जान जा गई थी और 13 जून को 9 लोगों की हत्या हो गई थी।

पिछले कुछ दिनों से हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी देखने के चलते, 16 जुलाई से 27 जुलाई तक कुछ समय तक हिंसा नहीं हुई थी, लेकिन पिछले दो दिनों में फिर से हिंसक झड़पें बढ़ गई हैं।

जानें पूरा विवाद: Manipur Riots

  1. मणिपुर में आबादी के आधार पर देखें तो, लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा लोग मैतेई समुदाय के हैं। मैतेई समुदाय का बड़ा हिस्सा इंफाल घाटी में बसा हुआ है, जो कि मणिपुर के कुल क्षेत्रफल का लगभग 10% है। हाल ही में, मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के बारे में सरकार से विचार करने के निर्देश जारी किए हैं।
  2. मैतेई समुदाय की आरक्षण के पीछे का कारण है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पहले मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा प्राप्त था। हालांकि, पिछले 70 साल में मैतेई समुदाय की आबादी में गिरावट हुई है और उनका आंकड़ा लगभग 50% तक पहुंच गया है। मैतेई समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए आरक्षण की मांग कर रहा है।
  3. मणिपुर के नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय के आरक्षण के विरोध में हैं। इन जनजातियों की आबादी राज्य की कुल आबादी का 34% है। ये दावा कर रहे हैं कि मैतेई समुदाय इंफाल घाटी में पहले से ही 60 से 40 विधानसभा सीटों पर बहुल हैं, जिससे मैतेई समुदाय का पहले से ही राजनीतिक दबदबा है। नगा और कुकी जनजाति को चिंता है कि मैतेई समुदाय को एसटी आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों पर असर पड़ेगा। साथ ही, मौजूदा कानून के तहत मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बसने की अनुमति नहीं है।
  4. हालिया हिंसा का कारण भी मैतेई आरक्षण मुद्दे से जुड़ा है। पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार ने चूराचांदपुर के वन क्षेत्र में निवास करने वाले नगा और कुकी जनजाति को घुसपैठिए बताते हुए उन्हें वहां से निकालने के आदेश जारी किए थे। इससे नगा और कुकी जनजाति आपत्तिजनक हुई थी। मैतेई समुदाय हिंदू धर्मावलंबी है, जबकि एसटी वर्ग के अधिकांश नगा और कुकी ईसाई धर्म के अनुयायी हैं।

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