भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अचानक एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार, RBI ने निर्धारित समय सीमा तक रु2000 के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया है। यहां तक कि RBI ने विशेष बयान में इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि, इस फैसले के बावजूद, रु2000 के नोट अभी भी वैध मान्यता रखेंगे। आरबीआई ने 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक का समय दिया है जिसके दौरान लोग 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा करा सकेंगे या उन्हें बदलवा सकेंगे। इस फैसले के बाद, केंद्रीय सरकार पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, ममता बनर्जी सहित विपक्ष के कई नेता 2000 रुपये के नोटों के बंद होने पर अपनी आपत्ति व्यक्त कर चुके हैं।
कांग्रेस का टांग खींचने वाला तंज: नोटबंदी का ‘जिन्न’ फिर से बाहर आया
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नोटबंदी वाला ‘जिन्न’ फिर से लोगों को परेशान करने के लिए बाहर आ गया है और सरकार को इस कदम के मकसद के बारे में बताना चाहिए। मुख्यमंत्री विपक्षी दल ने यह आरोप भी उठाया है कि सरकार अपना ‘जन विरोधी और गरीब विरोधी एजेंडा’ जारी रखी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “‘स्वयंभू विश्वगुरु’ की चिरपरिचित शैली। पहले करो, फिर सोचो। आठ नवंबर, 2016 को तुगलकी फरमान (नोटबंदी) के बाद बड़े धूमधाम से 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था। अब इसे वापस लिया जा रहा है।”
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी का फैसला देश को परेशान करने का एक नया चरित्र दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के समय 2000 रुपये के नोट के फायदों की बात की थी, लेकिन अब इसे वापस लेने का फैसला लिया जा रहा है। खेड़ा ने सरकार को यह कहने के लिए भी आवश्यकता बताई कि इस कदम के पीछे के मकसद क्या हैं और क्यों वह जन-विरोधी और गरीब-विरोधी एजेंडा को जारी रख रही हैं। उन्होंने मीडिया से उम्मीद की है कि वह सरकार से इस मुद्दे पर सवाल पूछेगी।
रु2000 के नोट ने लोगों को किया अरबों डॉलर का ढाका | ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा तो यह ₹2000 ढाका नहीं बल्कि एक अरब भारतीयों के लिए एक अरब डॉलर का ढाका है। जागो मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। नोटबंदी के कारण हमने जो पीड़ा झेली है, उसे भुलाया नहीं जा सकता और जिसने यह कष्ट दिया, उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए।
भ्रष्टाचार का खत्म होगा या फिर नोटबंदी? | अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।
जनता को भुगतना पड़ रहा है मोदी सरकार का फैसला | अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा है कि कुछ लोगों को अपनी गलती का एहसास देर से होता है।लेकिन इसका भुगतान इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने किया है। उन्होंने कहा कि शासन को मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलाना चाहिए।
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