अवधेश राय हत्याकांड मामले में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा, वकीलों के बीच हंगामा

सीतापुर, उत्तर प्रदेश: मुख्तार अंसारी के मुख्तारपुर जेल में बंद रहने के बाद अवधेश राय हत्याकांड के मामले में MP/MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अंसारी की सजा के बाद MP/MLA कोर्ट में हंगामा मच गया । यह फैसला विधानसभा और लोकसभा के सदस्य बनने के लिए उम्मीदवारी कर रहे मुख्तार अंसारी के लिए एक बड़ा प्रहार है। उन्हें दोषी करार देते हुए धारा-302 के तहत सजा सुनाई गई है। इसमें उम्रकैद के साथ-साथ एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

इस फैसले के बाद, मुख्तार के वकील ने MP/MLA कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई है और कहा है, “इस फैसले में कई कमियां हैं और हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।” वहीं, अभियोजन के वकील ने इस फैसले को स्वीकार करते हुए कहा, “हम फांसी की सजा की उम्मीद थी, लेकिन हम इस फैसले से संतुष्ट हैं। अगर मुख्तार पक्ष हाईकोर्ट जाएगा तो हम वहां भी इसी तरीके से केस लड़ेंगे।”

हमलावरों द्वारा अवधेश राय पर फायरिंग

अवधेश राय हत्याकांड का मामला 3 अगस्त, 1991 को वाराणसी के लहुराबीर इलाके में हुआ था।। इस घटना में अवधेश राय के भाई अजय राय भी शामिल थे। तभी, दोपहर के 1 बजे अचानक 5 हमलावर मारुति वैन से पहुंचे और ऑटोमैटिक वेपंस (Automatic weapons) की मदद से अवधेश राय पर फायरिंग कर दी। इसके पश्चात, अजय राय ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे भाग गए। अवधेश राय के गंभीर रूप से घायल होने के बाद, उन्हें नजदीकी कबीर चौरा अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनको डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया |

बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच टकराव: FIR दर्ज कराई थी

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अवधेश राय को 4 गोलियाँ लगी थीं। इस हत्याकांड के पीछे वर्चस्व की जंग का मामला था। वाराणसी में उस समय बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच एक टकराव चल रहा था। अवधेश राय का परिवार बृजेश सिंह के करीबी था और इस कारण उन्हें हत्या का निशाना बनाया गया था। अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार को मुख्य हमलावर मानकर भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश और पूर्व MLA अब्दुल कलाम के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।

मुख्तार के पूर्व अपराध: कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है

साथ ही, अवधेश राय हत्याकांड में अन्य आरोपियों भी थे, जिनमें से एक आरोपी भीम सिंह है, जिसे एक गैंगस्टर के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है और वह गाजीपुर जेल में बंद हैं। दूसरे आरोपी कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। वर्तमान में बाकी आरोपी राकेश का केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है।

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी

बताया गया है कि मुख्तार ने जब अपराध किया था, उस समय वह विधायक नहीं थे और उनकी मौजूदगी का कोई प्रमाण नहीं है। मुख्तार को पहले से ही कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, जिसमें उनके दंगों से संबंधित मामले भी शामिल हैं। मुख्तार ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था और तब से उन्हें जेल में बंद किया गया है |

मुख्तार के वकीलों ने मांगी सुरक्षा की व्यवस्था

अवधेश राय हत्याकांड के फैसले की प्रक्रिया के दौरान, मुख्तार ने अपनी सुरक्षा की चिंता व्यक्त की थी। उनके वकील ने 29 अप्रैल को अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह जेल में हमले का शिकार हो सकते हैं। कई लोग उनको जेल में मारने के लिए घात लगा कर बैठे है |

मुख्तार के वकील के अनुसार, उन्होंने बताया था कि जेल में कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी बैरेक में घुसने की कोशिश की थी। इससे उन्होंने अपनी सुरक्षा की चिंता व्यक्त की थी और इसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। मुख्तार के वकील ने उनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतेजामों की मांग की थी ताकि वह आपातकालीन स्थितियों से बच सकें।

मूल केस डायरी का गायब हो जाना: अवधेश राय हत्याकांड की सुनवाई में महत्वपूर्ण मुद्दा

अवधेश राय हत्याकांड केस की सुनवाई के दौरान मूल केस डायरी का गायब हो जाना एक महत्वपूर्ण विषय था। यह जून में सामने आया जब चेतगंज थाना प्रभारी ने MP/MLA कोर्ट में फोटो स्टेट केस डायरी प्रस्तुत की। मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस पर आपत्ति जताई, हालांकि अभियोजन ने फोटो स्टेट केस डायरी के आधार पर सुनवाई की मांग की थी। उनका तर्क था कि मुख्तार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मूल केस डायरी को गायब कराया है।

मुख्तार को कब और कितने बार सजा सुनाई गई?

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी
  1. 22 सितंबर, 2022: लखनऊ के हाईकोर्ट ने मुख्तार को 7 साल की सजा सुनाई।
  2. 23 सितंबर, 2022: गैंगस्टर मामले में मुख्तार को 5 साल की सजा सुनाई।
  3. 15 दिसंबर, 2022: मुख्तार को एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल 5 मामलों में 10 साल की सजा सुनाई।
  4. 29 अप्रैल, 2023: गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने मुख्तार को दो गैंगस्टर केसों में सजा सुनाई। पहले केस में मुख्तार और उसके सह-आरोपी भीम सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी। दूसरे केस में मुख्तार को 10 साल और उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई।

यहां तक कि सोमवार को मुख्तार को इस केस में पांचवीं बार सजा सुनाई गई है।

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बम ब्लास्ट के चलते बदल गई सुनवाई की स्थानांतरण | अवधेश राय हत्याकांड

यह केस वाराणसी के एडीजे कोर्ट में सुनवाई के दौरान चल रहा था, लेकिन 2007 में सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर एक बम ब्लास्ट हो गया था। इसके परिणामस्वरूप, आरोपी राकेश की सुरक्षा पर खतरा होने के चलते उन्हें हाईकोर्ट ले जाया गया था। बाद में प्रयागराज में MP/MLA कोर्ट का गठन हुआ और मुख्तार विधायक बन गए, इसलिए सुनवाई प्रयागराज में हुई। तथापि, बाद में जब वाराणसी में MP/MLA कोर्ट स्थापित हुआ, तो सुनवाई सिर्फ मुख्तार के खिलाफ वाराणसी में ही हुई।

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