भारतीय नौसेना में शामिल होंगी 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना ब्रह्मोस एयरोस्पेस (Aerospace) से 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का ऑर्डर देने के लिए तैयार है। इन मिसाइलों को नौसेना के सभी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा और स्वदेशी साधक से लैस किया जाएगा।

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भारतीय नौसेना का 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की खरीद का प्रस्ताव उन्नत चरण में है। यह कदम नौसेना के अपने हथियारों और उपकरणों के आधुनिकीकरण और अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।

एयरोस्पेस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को बताया बड़ी सफलता

ब्रह्मोस मिसाइलों के ऑर्डर को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जो भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroyenia) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। कंपनी ब्रह्मोस मिसाइल के विकास और उत्पादन में सहायक रही है, जिसे दुनिया की सबसे उन्नत और सक्षम क्रूज मिसाइलों में से एक माना जाता है।

सीमावर्ती युद्धपोतों पर तैनाती

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को भारतीय नौसेना के सभी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा, जिसमें विध्वंसक, फ्रिगेट और कार्वेट शामिल हैं। मिसाइल की रेंज 400 किमी तक है और इसे जमीन, समुद्र और हवाई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी उच्च गति और सटीक प्रहार क्षमता इसे किसी भी युद्ध परिदृश्य में एक दुर्जेय हथियार बनाती है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की प्रमुख विशेषताओं में से एक जिसे भारतीय नौसेना हासिल करने के लिए तैयार है, वह इसकी स्वदेशी साधक तकनीक है। इस तकनीक को मिसाइल को अपने लक्ष्य की ओर बड़ी सटीकता के साथ निर्देशित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह दुश्मन के ठिकानों के खिलाफ एक अत्यधिक प्रभावी हथियार बन जाता है।

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के इलावा कई अन्य घातक हथियार किये जायेंगे शामिल

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के अलावा, भारतीय नौसेना निकट भविष्य में अन्य उन्नत हथियार और उपकरण भी हासिल करने के लिए तैयार है। इसमें MRSAM और VRSAM एयर डिफेंस सिस्टम, समुद्री टोही के लिए डोर्नियर 228 विमान, हवा से हवा में लड़ाई के लिए राफेल-एम फाइटर जेट और पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए सिरोस्की MH-60R हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

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