दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविन्द केजरीवाल के बंगले की रिनोवेशन की खर्च और विदेशी संगमरमर का इस्तेमाल करने पर विवाद उठा है। उनके बंगले को शीशमहल की तुलना में बताया जा रहा है,जिसकी लागत केवल 45 करोड़ रुपए है। दिल्ली सरकार द्वारा 97 लाख से अधिक के पर्दे के साथ और स्विमिंग पूल की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने अपने कार्यालय के लिए 36 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है।
आम आदमी पार्टी के नेता के बंगले के बारे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह राजनीति में एक बड़ा तोड़ है जहां केजरीवाल ने पिछले एक दशक में अपने बंगले की तस्वीर को पूरी तरह से बदल डाला है। पहनावे में सादगी से भरे आम आदमी की तस्वीर के बाद अब उनके बंगले के रिनोवेशन की लागत और उसमें विदेशी संगमरमर का इस्तेमाल करने पर सवाल उठ रहे हैं. इसके बाद कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि केजरीवाल का यह करोड़ों का खर्च किसका है और ये पैसा कैसे खर्च किया गया है।
विपक्ष ने केजरीवाल पर उठाये सवाल
विपक्ष के नेता ने इस मामले में दिल्ली सरकार को सवालित करते हुए कहा है कि विदेशी संगमरमर का उपयोग करने से पहले सरकार को स्थानीय संगमरमर का उपयोग करना पर्याप्त होता, जिस से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता और स्थानीय शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान देशी उद्योग को समर्थन करेगा और स्थानीय शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।।
दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया है| यह विवाद विपक्ष और सत्ता में बैठे हुए लोगों के बीच नई चर्चा को जन्म दे सकता है और दिल्ली सरकार को इस मामले में स्थानीय संगमरमर का उपयोग करने की जरूरत और खर्च पर सवाल खड़े कर सकता है।
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