चक्रवात बिपरजॉय: गुजरात के तटीय इलाकों में तबाही की आशंका, तैयारियां तेज

अरब सागर में अपनी ताकतवर उड़ान भरते हुए चक्रवात बिपरजॉय भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में इस तूफान ने और विकराल रूप धारण किया है। इस तापमान में गुजरात के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में लेने की संभावना है।

चक्रवात बिपरजॉय: गुजरात के तटीय क्षेत्रों में तत्परता, तनाव और तैयारियाँ

चक्रवात बिपरजॉय ने 6 जून 2023 को अपनी प्रारंभिक यात्रा शुरू की और कुछ दिनों तक कराची की ओर अग्रसर रहा। अब यह अपना रास्ता बदलकर गुजरात के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान में इसकी गति 8 किलोमीटर प्रति घंटा है।

बिपरजॉय 13 जून 2023 को रात्रि के ढाई बजे अरब सागर में पोरबंदर से लगभग 290 किलोमीटर और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था। मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून तक चक्रवात गुजरात के तटीय क्षेत्रों से टकरा सकता है। इससे पहले, समुद्री तटों पर सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

चक्रवात बिपरजॉय के आगमन के साथ ही तटीय इलाकों में बारिश, तूफानी हवाओं और जलप्रलय की संभावना हो सकती है। लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए तत्पर रहें और सरकार के निर्देशों का पालन करें। साथ ही, समुद्री तटों पर जहाजों और नाविकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

चक्रवात बिपरजॉय के आने से गुजरात के तटीय क्षेत्रों के लोगों में तनाव महसूस हो रहा है। सरकारी अधिकारियों ने तत्परी से तैयारियों की शुरुआत की है और जल्द से जल्द सुरक्षा और बचाव के उपायों को लागू करने का आदेश दिया है। उन्होंने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है और आवश्यक सामग्री का सामूहिक इकट्ठा करने की सलाह दी है।

गुजरात के तटीय जिलों में बिपरजॉय के टकराने के बाद हवाओं और बारिश के कारण नुकसान की आशंका

गुजरात के तटीय जिलों में 15 जून को बिपरजॉय के टकराने की बाद यह आशंका है कि हवाओं और बारिश के कारण कुछ नुकसान हो सकते हैं। इस स्थिति में, छप्पर-झोपड़ी वाले घर पूरी तरह तबाह हो सकते हैं, कच्चे और पक्के मकानों को भारी डैमेज हो सकता है और बिजली के खंभे और कम्युनिकेशन टावर्स भी प्रभावित हो सकते हैं। सड़कों, रेलवे परिवहन, बिजली के तारों और सिग्नलिंग सिस्टम में बाधाएं हो सकती हैं। खड़ी फसलों और आम जैसे फलदार पेड़ों को भी नुकसान हो सकता है और छोटी नावें बह सकती हैं। इसके साथ ही, खारे पानी के कारण विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है।

SDRF और NDRF की टीमें तैनात: चक्रवात बिपरजॉय

इस परिस्थिति में, सरकार ने तटीय जिलों में सुरक्षा और राहत कार्यों की तैयारियाँ तेज की हैं। गुजरात में 10 टीमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (SDRF) द्वारा तैनात की गई हैं, जबकि 12 टीमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिरोध बल (NDRF) के सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त, 3 अतिरिक्त टीमें रखी गई हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया है और 21 हजार से अधिक नावें पार्क हो चुकी हैं। इनके अलावा, फिशरीज, हेल्थ और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की टीमें भी तैनात रहेंगी।

अग्रिम योजनानुसार मंत्रियों को जिला-आधारित डिजास्टर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अग्रिम योजनानुसार एडवांस प्लानिंग और डिजास्टर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सीनियर मंत्रियों को सौंपी है। कच्छ जिले की जिम्मेदारी को ऋषिकेश पटेल, पोरबंदर की जिम्मेदारी को कुंवरजी बावलिया, जामनगर की जिम्मेदारी को मुलु भाई बेरा, देवभूमि द्वारका की जिम्मेदारी को हर्ष सांघवी, जूनागढ़ जिले की जिम्मेदारी को जगदीश विश्वकर्मा और गिर सोमनाथ जिले की जिम्मेदारी को पुरुषोत्तम सोलंकी को सौंपी गई है। इन मंत्रियों को तत्परता से ग्राउंड पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

इससे पहले, 15 जून से पहले ही 6 जिलों में शेल्टर होम तैयार किए जाएंगे जो सुरक्षा का साधन प्रदान करेंगे। समुद्र तट से 5 से 10 किलोमीटर के इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री की आपातकालीन बैठक और चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव पर विशेषज्ञों की सलाह: देश के अन्य हिस्सों के लिए मौसम का पूर्वानुमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 12 जून को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की थी, जिसमें गृह मंत्रालय, NDRF और सेना के अधिकारी शामिल थे। गृह मंत्री अमित शाह ने 13 जून को दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की है। अन्य खबरों में, विशेषज्ञों का मानना है कि बिपरजॉय तूफान का प्रमुख प्रभाव उत्तर गुजरात और दक्षिण राजस्थान में देखने को मिलेगा। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो सकती हैं। हालांकि, देश के बाकी हिस्सों को इस तूफान का कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। आइए, देश के अन्य हिस्सों के लिए आगामी तीन दिनों के मौसम का पूर्वानुमान देखते हैं।

पूर्वोत्तर भारत: पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में आगामी तीन दिनों में भारी बारिश की संभावना है।

पूर्वी भारत: पश्चिम बंगाल और सिक्किम में आगामी तीन दिनों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है।

उत्तर पश्चिम भारत: हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तूफान की संभावना है, जबकि राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में गरज की संभावना भी है।

पश्चिमी भारत: गोवा और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है। गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में बिपरजॉय तूफान का गहरा प्रभाव देखने की संभावना है।

दक्षिणी भारत: केरल और कर्नाटक में आगामी 3 दिनों तक भारी बारिश जारी रहेगी।

अगले कुछ दिनों तक बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों में गर्मी जारी रहेगी। तमिलनाडु, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्रों में गर्मी और उमस रहेगी।

क्या देश में मानसून का आगाज़ हो रहा है? क्या बिपरजॉय के कारण मानसून की रफ्तार पर कोई प्रभाव हो सकता है?

बिपरजॉय तूफान के कारण मानसून की रफ्तार पर कुछ प्रभाव हो सकता है। मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे के अनुसार, गुजरात से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान की ओर बारिश होने की संभावना है। इससे इन क्षेत्रों में मानसून की तेजी बढ़ सकती है। इन क्षेत्रों में प्री-मानसून गतिविधि बढ़ेगी और 15 जून के बाद बारिश होने की संभावना है।

चक्रवात कैसे बनता है: एक विशेष रिपोर्ट

(Cyclone) चक्रवात उत्पन्न होता है जब गर्मी के मौसम में समुद्र का पानी ऊष्ण होता है और वायुमंडलीय शर्तें उपयुक्त होती हैं। समुद्री पानी के गर्म होने से ऊपरी वायुमंडल में उठती हवा चक्रवात के केंद्रीय बिंदु के चारों ओर संघटित होती है और शक्तिशाली बादलों का जन्म होता है। ये बादल चक्रवात के रूप में विकसित हो जाते हैं।

चक्रवात की महत्वपूर्ण विशेषताएं शामिल होती हैं:

  • केंद्रीय बिंदु: चक्रवात का केंद्रीय बिंदु “आंख” कहलाता है। यहां वायुमंडलीय दबाव सबसे कम होता है और आकाश में स्पष्टता से दिखाई देता है।
  • गतिशील वेग: चक्रवात के केंद्रीय बिंदु से वायु चक्रवाती होती है और इससे तेज हवाएं उत्पन्न होती हैं। इसके परिणामस्वरूप चक्रवाती बारिश और बारिश के साथ उच्च गति की हवाएं होती हैं।
  • वृद्धि और घटना क्षमता: चक्रवात अपने पथ में आने वाली ऊष्णता और नमी के कारण वृद्धि और घटना क्षमता बढ़ाता है। इससे चक्रवात की तेजी बढ़ती है और वह विपरीत दिशा में घूमने लगता है।

चक्रवात बिपरजॉय एक प्रकार का चक्रवात है जो बंगाल की खाड़ी में बनता है। यह चक्रवात बांगलादेश और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्रों को प्रभावित करता है और अक्सर भारी बारिश और तेज़ हवाएं लाता है। चक्रवात बिपरजॉय शब्द बंगाली भाषा में “उत्सुकता” या “प्रचंडता” को दर्शाता है।

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चक्रवात से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां:

  1. चक्रवात के आने से पहले ही लोगों को सतर्क रहना चाहिए। मौसम विभाग के चेतावनियों का पालन करें और चक्रवात संबंधित सूचनाओं को ध्यान से सुनें।
  2. समुद्री तटीय क्षेत्रों के निवासियों को चक्रवात संबंधित संकेतों के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों की तलाश करनी चाहिए।
  3. तटीय क्षेत्रों में नौका चलाने वालों को समुद्री राष्ट्रीय मार्ग की चेतावनियों का पालन करना चाहिए। यातायात के नियमों का पालन करें और चलाने के समय सतर्क रहें।
  4. सरकारी अधिकारियों और संबंधित निकायों के द्वारा जारी की गई सूचनाओं और निर्देशों का पालन करें। इन निर्देशों का उचित अनुसरण करना सुरक्षा और सुरक्षितता की दृष्टि से आवश्यक है।
  5. बाढ़ और उच्च गति के हवाओं के बीच सुरक्षित स्थान पर रहें। खुले में जाने से बचें और तंग जगहों से दूर रहें। अधिक से अधिक सुरक्षित स्थान की ओर गति करें।
  6. घरों और इमारतों की मजबूती की जांच करें और उन्हें चक्रवात के लिए तैयार रखें। छतों, खिड़कियों और दरवाजों को मजबूती से बंद करें।
  7. अत्यधिक बारिश से बचने के लिए अच्छी निगरानी रखें। जल प्रवाह की स्थिति के बारे में सतर्क रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।

चक्रवात से बचने के लिए इन सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। सरकारी निर्देशों का उचित पालन करें और चक्रवात से बचने के लिए आवश्यक तैयारियों को करें। अपनी सुरक्षा और सुरक्षितता को प्राथमिकता दें।

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