Nipah वायरस से केरल में हाई अलर्ट, कोझिकोड जिले में 2 लोगों की मौत, संपर्क वाले व्यक्ति विशेष निगरानी में, जानिए इस वाइरस के बारे में

Nipah Virus : दक्षिण भारतीय राज्य केरल में एक बार फिर निपाह वायरस की वापसी हुई है। केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा चार अन्य लोगों का इलाज चल रहा है। मौत की पुष्टि होने के बाद से राज्य में हड़कंप मच गया है। दो मौतों के बाद ही कोझिकोड जिले के स्वास्थ्य विभाग ने जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

वायरस की वजह से मृत दो व्यक्तियों में से एक की मौत 30 अगस्त को एवं दूसरे की मौत 11 सितंबर को हुई थी। 11 सितंबर को जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है वह निपाह वायरस वाले व्यक्ति के संपर्क में क़रीब 1 घंटे तक अस्पताल था। वायरस की वजह से मरने वाले इन दोनों व्यक्तियों के संपर्क में उनके रिश्तेदार भी थे जिनका अभी इलाज चल रहा है एवं उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बताया कि वायरस से मृत व्यक्तियों एवं निपाह (Nipah) वायरस के समान लक्षण वाले व्यक्तियों के नमूने को जांच के लिए पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (NIV) में भेजा गया है। भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी।

मंत्री जार्ज ने आगे बताया कि मृत व्यक्तियों के संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है। जांच रिपोर्ट आने तक इन व्यक्तियों को विशेष निगरानी में रखा गया है। यदि जांच में निपाह वायरस की पुष्टि हो जाती है तो संवेदनशील क्षेत्रों में सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगाते हुए कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

Nipah वायरस पर एक नजर

निपाह (Nipah) वायरस का पहला मामला सन 1999 में मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह में सामने आया था। इसीलिए इसका नाम निपाह पड़ा। अन्य वायरस की तरह यह वाइरस भी जानवरों से ही आया है। ऐसा माना जाता है कि यह वाइरस चमगादड़ों से इंसानों में फैला है। हालांकि संभवत यह सूअर ,कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और भैंस से भी इंसानों में फैल सकता है।

Nipah वायरस कितना खतरनाक ?

निपाह (Nipah) एक ऐसा वायरस है जिसकी संक्रमण दर तो कम होती है लेकिन मृत्यु दर अधिक होती है। यह अन्य वायरस की तुलना में ज्यादा घातक माना जाता है। इस वायरस से करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार वालों को भी अधिक खतरा होता है। इस वायरस से शिकार व्यक्ति 24 से 48 घंटे के भीतर कोमा में भी जा सकता है। केरल में एक समय में इस वायरस से मरने वालों की मृत्यु दर 70% तक पहुंच गई थी।

निपाह वाइरस के लक्षण

निपाह (Nipah) वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, निमोनिया आदि के लक्षण पाए जाते हैं। निपाह से संक्रमित व्यक्ति को यह लक्षण 5 से 14 दिनों के भीतर दिख सकते हैं। कभी-कभी यह अवधि डेढ़ महीने तक भी बढ़ जाती है। इसके अलावा ऐसे भी कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें किसी भी प्रकार का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया।

केरल में Nipah Virus का अधिक कहर

निपाह वायरस के मामले केरल में अधिकतम देखें गए हैं। मई-जून 2018 में केरल में निपाह वायरस की सूचना मिली थी। उस समय भी कोझिकोड जिले में 18 मामले सामने आए थे जिसमें से 17 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा 2019 एवं 2021 में भी निपाह वायरस केरल में अपना प्रकोप दिखा चुका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार निपाह (Nipah) वायरस में मृत्यु दर 40 से 75% होती हैं। लेकिन 2018 में केरल की कोझिकोड जिले में है मृत्यु दर 90 प्रतिशत थी।

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