Cannabis Research Project : भारत में पहली बार भांग से बनेंगी बड़ी-बड़ी बीमारियों की दवाईयां, सरकार ने जम्मू में शुरू किया पहला प्रोजेक्ट।

Cannabis Research Project : भारत में भांग का अधिकतम इस्तेमाल नशा करने के लिए किया जाता है इसीलिए सरकार ने भांग की खेती एवं इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन अब भारत सरकार भांग की पैदावार करेगी। भारत सरकार ने जम्मू में Cannabis (भांग) से दवाइयां बनाने के लिए Cannabis Research Project शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के द्वारा कैंसर, मधुमेह, न्यूरोपैथी जैसी बीमारियों के लिए दवा बनाई जाएंगी।

इसी प्रोजेक्ट के तहत हाल ही में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू गए थे। डॉ. सिंह के अनुसार आत्मनिर्भर भारत के तहत शुरु किए गए Cannabis Research Project से न्यूरोपैथी, मिर्गी, कैंसर एवं मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली दवाईयों का निर्माण करने सहायता में मिलेगी। उन्होंने कहा कि नशे के रूप में उपयोग होने वाला यह पौधा अब मानव जाति की भलाई के लिए काम आएगा।

भारत सरकार की 3 संस्थाये Council of Scientific and Industries Research (CSIR), Indian Institute of Integrative Medicine (IIIM) एवं इंडसस्कैन ने संयुक्त रूप से मिलकर जम्मू-कश्मीर में कैनाबिस रिसर्च प्रोजेक्ट (Cannabis Research Project) शुरू किया है। भारत में यह पहला प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य Cannabis (भांग) से माध्यम से न्यूरोपैथी, कैंसर, मिर्गी एवं मधुमेह जैसी बीमारियों की दवाईयां बनाना है।

इस परियोजना पर रिसर्च करने के लिए इसमें शामिल तीनों संस्थाओं ने जम्मू में Cannabis Cultivation Farm (भांग का खेत) भी बनाया है। इस खेत में भांग की पैदावार की जाएगी। अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भांग के खेत का भी जायजा लिया।

दवाईयों के अलावा Cannabis (भांग) से बनती हैं कई उपयोगी वस्तुएं।

Cannabis (भांग) का नशा के अलावा कई अनगिनत उपयोग भी है। वर्तमान में कई देशों में Cannabis (भांग) से बने तेल एवं दवाओं का इस्तेमाल मानसिक विकलांगता, डिप्रेशन, कैंसर, कैंसर में होने वाली कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को रोकने में किया जाता है।

इसके अलावा Cannabis (भांग) एक ऐसी फसल है जिसका उपयोग टेक्सटाइल, कंस्ट्रक्शन, एनर्जी मेडिसिन और फूड इंडस्ट्री आदि में किया जाता है। भांग के पौधे से आज पूरे विश्व में कॉस्मेटिक क्रीम एवं साबुन, औषधि के रूप में उपयोग होने वाला तेल, सैनिकों की जैकेट कवर जैसे 2500 से अधिक उत्पाद बनाए जाते हैं। अब सरकार द्वारा इसका इस्तेमाल कैंसर, मधुमेह जैसी बड़ी बीमारियों की दवाइयों को बनाने में किया जाना एक अच्छी पहल है।

Cannabis (भांग) आपने आप में एक अद्भुत पौधा है। Food and Drug Administration (FDA) द्वारा मतली और उल्टी के इलाज के लिए मैरिलनॉल/नाबिलोन और सेसमेट जैसी दवाओ को मंजूरी दे दी है। इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने भी Cannabis (भांग) के द्वारा बीमारियों से बचाव के लिए बनने वाली दवाओं के लिए पॉलिसी बनाना शुरू कर दी है।

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क्यों नशीला होता है भांग का पौधा

भांग को अंग्रेजी में Cannabis या Marijuana कहते हैं। इसमें Tetra Hydro Cannabinol नाम का ड्रग पाया जाता है। जिसे THC भी कहते हैं। ज्यादातर लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर किया जाता है। इसीलिए सरकार ने इसके उपयोग पर पूर्णता पाबंदी लगा रखी है लेकिन आपको बता दें कि भांग में नशा उसकी पत्तियों एवं पुष्पक्रम में मौजूद रासायनिक तत्व THC के 0.3% से अधिक होने पर ही होता है। लेकिन यही THC जब 0.3% से अधिक हो जाता है तो वह गांजा कहलाने लगता है यानी गांजा और भांग दोनों एक ही प्रजाति के पौधे होते हैं। जिसे हम Cannabis या Marijuana के नाम से जानते हैं।

News Source- PIB India

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