गांधी मैदान धमाके मामले में NIA ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस घटना के समय, भारतीय राजनीति के उच्च नेताओं में से एक, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस हमले का शिकार बने थे। यह धमाका पटना के गांधी मैदान में जनसभा के दौरान हुआ था और इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।
STF द्वारा आरोपी मेहरे आलम की गिरफ्तारी, बाहर भागते वक्त चकमा देकर हुआ था फरार
पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान हुए बम ब्लास्ट केस में एसटीएफ (STF) ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की टीम ने शनिवार रात को दरभंगा के अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के सिंधौली गांव से छापेमारी की और आरोपी मेहरे आलम को हिरासत में लिया है। यह पहली बार नहीं है कि महेरे आलम आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है, नियामक एजेंसी NIA ने पहले ही मुजफ्फरपुर में उसे हिरासत में लिया था, लेकिन उसने चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद NIA ने मुजफ्फरपुर के नगर थाना में 30 अक्टूबर, 2013 को कांड संख्या 612/13 दर्ज कराई थी। तब से उसकी तलाश जारी थी। केस में पहले से गिरफ्तार हुए आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है।
गांधी मैदान धमाके | आरोपी मेहरे आलम का खुलासा
2013 के 27 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर बम विस्फोट हुआ था। इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई और लगभग 82 लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में मेहरे आलम को एक आरोपी के रूप में घोषित किया था। एनआईए की टीम ने पहले ही मेहरे आलम को गवाह बनाकर गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उन्होंने मेहरे की निशानदेही पर मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापेमारी की थी। हालांकि, इस छापेमारी में कोई सफलता नहीं मिली और टीम मेहरे को लेकर मुजफ्फरपुर लौट गई, जहां वे सिद्धार्थ लॉज में ठहरे थे। इस बीच, अचानक मेहरे ने चक्कर लगाकर बच निकला। सुबह के बाद खोज करने के बाद टीम को कोई सफलता नहीं मिली, इसलिए 30 अक्टूबर, 2013 को उन्होंने मेहरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
मेहरे आलम और मोनू: बम ब्लास्ट के मामले में बढ़ती करीबी के साक्ष्य
सूत्रों के अनुसार, मोनू नामक व्यक्ति और बम विस्फोट के आरोपी मेहरे आलम के बहुत करीबी संबंध में जानकारी सामने आई है। मोनू समस्तीपुर जिले का निवासी है और उसने दरभंगा के पोलोटेक्निक में पढ़ाई की है। एक उर्दू पुस्तकालय में हुई मेहरे आलम और मोनू की मुलाकात के बाद, उनके बीच मजबूत दोस्ती का रिश्ता बना। इस मामले में आरोपी के निकट बनने के कारण, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मोनू पर संदेह जताया है। अब NIA इस मामले की गहन जांच करेगी और सच्चाई को सामने लाने का प्रयास करेगी। अब इस मामले की जांच एनआईए द्वारा की जाएगी और सच्चाई का पता लगाया जाएगा।
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