देश के जाने-माने कवि डॉ कुमार विश्वास का आज 10 फरवरी को जन्मदिन है। जन्मदिन के मौके पर उन्हें देशभर से बधाई संदेश मिल रहे हैं। “कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है” इस कविता को कहने वाले डॉ कुमार विश्वास आज जन-जन में प्रिय हैं।
डॉ कुमार विश्वास का एक परिचय
10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पिलखुवा में जन्में डॉ कुमार विश्वास जी ने शुरुआती शिक्षा लाला गंगा सहाय विद्यालय में प्राप्त की। बारहवीं की शिक्षा पूरी होने के बाद उनके पिताजी उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे। उन्हें इंजीनियर बनने का कोई मन नहीं था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी इसके बाद उन्होंने कविताओं का क्षेत्र चुना। आज वह देश के विख्यात कवियों में से एक हैं। उनकी कविता “एक पगली लड़की के बिन” और “कोई दीवाना कहता है” से उन्हें पहचान मिली।
इसके अलावा उन्हें
1994 में ‘काव्य-कुमार पुरस्कार’ 2004 में ‘डॉ॰ सुमन अलंकरण’ 2006 में ‘साहित्य-श्री’ 2010 में ‘डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री’ सम्मान जैसे पुरुस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।
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डॉ कुमार विश्वास सन 2011 में दिल्ली में अन्ना हजारे द्धारा किए गए लोकपाल बिल के लिए धरना प्रदर्शन की वजह से ज्यादा चर्चाओं में आ गए थे। उस समय वह अरविंद केजरीवाल के साथ टीम अन्ना के सदस्य भी थे।
26 नवंबर 2012 को बनी नई पार्टी आम आदमी पार्टी के कार्यकारी सदस्य भी थे और उसी दौरान उन्होंने अमेठी से लोकसभा का भी चुनाव लड़ा और हार गए थे।
बाद में पार्टी में राजनीतिक मतभेद होने की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी और फिर कविताओं की ओर रुख किया।
बेटी की सलाह पर धार्मिक ग्रंथों पर बोलना शुरू किया
देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने कविताओं के साथ-साथ अब धार्मिक ग्रंथों जय श्री रामायण महाभारत पर भी बोलना शुरू कर दिया है।
कुमार विश्वास जी रामायण के विभिन्न पहलुओं को बड़ी सहजता से एवं बड़े विस्तार से वर्णन करते हैं जो आज के युवाओं को काफी पसंद आ रहा है। वह आए दिन देश में विभिन्न सेमिनार ओं में हिस्सा लेकर रामायण एवं महाभारत जैसे धार्मिक ग्रंथों पर अपनी राय रखते हैं।
रामायण किया गया उनका एक प्रोग्राम “अपने अपने राम“ से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली है।
जब उनसे पूछा गया कि कविताओं के साथ-साथ धार्मिक ग्रंथों जैसे रामायण पर बोलना शुरू क्यों किया ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी इस प्रेरणा का स्रोत उनकी बेटी है, जो विदेश में पढ़ रही है।
उनकी बेटी के कहने पर कि आज के युवाओं में “रामायण के प्रति जो मतभेद हैं” उन्हें दूर करने के लिए आपको सरल भाषा में अपनी बात कहनी चाहिए।
और हुआ भी यही ग्रंथों पर बोलने की उनकी कला, भाषा शैली और ज्ञान काफी अद्भुत है जो आज के युवाओं को काफी पसंद आ रहा है। हिंदी जगत के प्रसिद्ध कवियों में से एक डाॅ कुमार विश्वास को एक बार फिर जन्मदिन की हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं।
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