कर्नाटक मुख्यमंत्री: सरकार बनने से पहले ही कांग्रेस में बगावत के सुर, दलित उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग।

कर्नाटक मुख्यमंत्री: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर चल रही माथापच्ची आखिरकार समाप्त हो गई और कांग्रेस पार्टी की तरफ से गुरुवार 18 मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की घोषणा कर दी गई। कांग्रेस ने पार्टी के सीनियर नेता सिद्धारमैया को राज्य का अगला मुख्यमंत्री एवं एवं डीके शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री के रूप में चुना है।

कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ही पार्टी में बगावत की सुर उठने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर ने राज्य के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कहा कि राज्य में एक दलित उपमुख्यमंत्री चुना जाना चाहिए। जी परमेश्वर ने पार्टी को आगाह किया है कि अगर राज्य में दलित उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। यह कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।
बता दें कि 71 साल के जी परमेश्वर कांग्रेस-JD(s) की गठबंधन सरकार में एक दलित उपमुख्यमंत्री थे। वे 8 वर्षों तक कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।

राज्य में एक दलित उपमुख्यमंत्री की मांग

कांग्रेस द्वारा सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार को एकमात्र उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उनकी यह चेतावनी आई। जी परमेश्वर ने कहा कि “उपमुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर शिवकुमार की दृष्टिकोण से सही हो सकता है लेकिन आलाकमान को एक दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने पर विचार करना चाहिए उन्हें उम्मीद है कि आलाकमान इस मामले में उचित निर्णय लेंगे” इसके अलावा जी परमेश्वर ने कहा कि दलित समुदाय का उपमुख्यमंत्री न बनाए जाना दलितों के साथ अन्याय है उन्हें उम्मीद है कि पार्टी इस बारे में विचार करेगी।

मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के इच्छुक थे परमेश्वर

जी परमेश्वर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के लिए इच्छुक था लेकिन पार्टी के द्वारा जो फैसला लिया गया है उसे पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि देखते हैं आने वाले समय में वह क्या करते हैं। उन्हें आने वाले समय में कैबिनेट विस्तार को लेकर इंतजार रहेगा।

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आगे उन्होंने कहा कि पार्टी के सामने आवाज मजबूती से रखना अपनी मांगों के लिए चिल्लाना नहीं कहलाता हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के हाईकमान इस पर ध्यान देंगे। राज्य की जनता ने हमें वोट दिया है और हमें इस पर ध्यान रखते हुए दलित समाज की भावनाओं का भी ख्याल रखना होगा। बता दें कि जी परमेश्वर 2013 के विधानसभा चुनाव हारने के बाद सिद्धारमैया की सरकार में मंत्री बने थे।

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