राजस्थान पुलिस ने कक्षा 10वीं के एक दलित छात्र की कथित आत्महत्या से मौत के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय के दो शिक्षकों के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज की। घटना राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के पावटा तहसील की है। जहां जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले दलित छात्र सचिन कुलदीप ने अपने दो शिक्षकों द्वारा जातिगत प्रताड़ना से हताश होकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है।
पुलिस ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ IPC की धारा 302 एवं 34 (हत्या एवं सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा सहयोग) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत भी FIR दर्ज की है।
क्या है पूरा मामला ?
पुलिस में दर्ज़ FIR के अनुसार मृतक छात्र सचिन के पिता के बड़े भाई सत्यपाल कुलदीप ने बताया कि सचिन ने 22 अगस्त की रात को अपने पिता को रोते हुए फोन किया था।
सत्यपाल ने बताया कि सचिन ने रोते हुए उन्हें बताया था कि उसके सर विवेक और राजकुमार पिछले कई दिनों से उसे जातिसूचक गालियां दे रहे थे एवं उसके क्लास में पढ़ने वाले छात्रों के सामने उसे जातिगत प्रताड़ना के साथ अपमानित भी कर रहे थे। सचिन ने इसकी शिकायत अपने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से भी की थी। लेकिन प्रिंसिपल ने कहा था कि “जिस जाति के हो उस जाति के रहोगे, इसमें गलत क्या है”।
इसके अलावा सचिन के राजकुमार सर ने उसे थप्पड़ दो थप्पड़ मारे और उसे फिर जातिसूचक गालियां भी दी एवं डांटते हुए कहा कि “जो कर सके कर ले”। मृतक छात्र सचिन के इसी फ़ोन कॉल के कुछ घंटे के बाद कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रावास के सफाई कर्मचारी ने उसका सचिन का शव 10वीं कक्षा में पंखे से लटके हुए देखा।
स्कूल वालों ने छिपाई मौत की ख़बर
सचिन की मौत के बाद अगले दिन सचिन के परिवारजनों ने स्कूल पहुंचकर पूछताछ की लेकिन स्कूल अधिकारियों ने उन्हें गोल-गोल घुमाया। सचिन के परिवारजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल वालों ने उन्हें घटना के बारे में सूचित भी नहीं किया। मौत की खबर उन्हें सुबह पुलिस के द्वारा लगी।
सचिन के परिवारवालों का कहना था कि “हम सुबह 10 बजे के आसपास पुलिस के फ़ोन करने के बाद स्कूल पहुंचे। प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से सचिन के बारे में पूछताछ की। लेकिन उन्होंने इसका कोई ठीक जवाब नहीं दिया। हमारे स्कूल पहुंचने के लगभग 1 घंटे बाद ही स्कूल स्टाफ ने हमें सूचित किया कि सचिन की तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें पावटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”
सचिन के परिवार को हत्या का लगाया आरोप
मृतक छात्र सचिन कुलदीप के पिता बनवारीलाल एवं ताऊ सत्यपाल ने आरोप लगाया है कि सचिन ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या हुई है। परिवार वालों का दावा है कि आत्महत्या के आसपास की परिस्थितियों काफी संदिग्ध हैं। फांसी पर झूलते हुए सचिन के पैर फर्श को छू रहे थे। यह वास्तव में जमीन से इतने नीचे सटे हुए थे कि वह लगभग 30 डिग्री के कोण पर मुड़े हुए थे।
परिवार ने शव लेने से किया इनकार
जातिगत प्रताड़ना से सचिन की मौत के बाद परिवारजनों ने सचिन के शव को लेने से इनकार कर दिया था एवं प्रशासन के सामने कई मांगे भी रखीं। प्रशासन द्वारा काफी समझाने के बाद एक समझौते के तहत परिवार जनों ने सचिन का अंतिम संस्कार किया।
पुलिस और परिवारजनों के बीच हुए समझौते के अनुसार जातिगत प्रताड़ना करने पर एससी/ एसटी एक्ट के तहत परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल प्रशासन परिजनों के लिए अनुबंध आधारित रोजगार के लिए प्रयास करेंगे। दोनों आरोपी शिक्षक विवेक यादव एवं राजकुमार यादव को निलंबित कर दिया गया है।
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