तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के वेब पोर्टल CoWIN का डेटा लीक हुआ है। उनके अनुसार, इस लीक में आम लोगों के साथ-साथ बड़े नेताओं, अफसरों और पत्रकारों का भी नाम शामिल है। इस मामले को साबित करने के लिए, गोखले ने अपने ट्विटर हैंडल पर कई स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं। इन स्क्रीनशॉट में, लोगों के नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसी जानकारियां शामिल हैं, और इसके साथ ही उनके परिवार की विवरण भी मौजूद हैं।
सरकार की पुष्टि नहीं, जांच का आदेश
इसके बावजूद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गोखले के दावे को पुष्टि नहीं की है और कहा है कि यह लीक हुए डेटा पुराना है। तथापि, उन्होंने इसे ध्यान में रखा है और इसकी जांच के लिए कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में, पोर्टल के अधिकारियों से इस मामले की जांच की मांग की गई है। उन्होंने यह जानने का एलान किया है कि क्या यह डेटा CoWIN पोर्टल से आया है या किसी अन्य स्रोत से प्राप्त हुआ है।
CoWIN पोर्टल से राजनीतिक हस्तियों और पत्रकारों का डेटा लीक हुआ: साकेत गोखले
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्विटर थ्रेड के माध्यम से दावा किया है कि CoWIN पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक हस्तियों और पत्रकारों का भी डेटा लीक हुआ है। उनके दावे के अनुसार, इस डेटा लीक में शामिल हैं टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव, अभिषेक मनु सिंघवी, संजय राउत, राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त और राहुल शिवशंकर जैसे प्रमुख पत्रकारों के नाम। उन्होंने इस दावे की पुष्टि के लिए स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं।
चिंताजनक हालात, सरकार से जांच की मांग
यह मामला गंभीर होने के साथ-साथ चिंताजनक भी है, क्योंकि इस डेटा लीक से राजनीतिक हस्तियों और पत्रकारों के नाम, निजी जानकारी और संपर्क विवरण भी सामने आए हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए, गोखले ने सरकारी अधिकारियों से इस मामले की जांच की मांग की है। पहले भी 2021 और 2022 में CoWIN पोर्टल के बारे में डेटा लीक होने के दावे किए गए थे। उस समय, सोशल मीडिया पर कई स्क्रीनशॉट शेयर हुए थे जिनमें वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की निजी जानकारी जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर शामिल थे। हालांकि, भारत सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि यह पुराना डेटा है।
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इस मामले में सरकार की जांच की मांग होने के बावजूद, इसके पीछे का सचाई क्या है और यह डेटा वास्तव में CoWIN पोर्टल से लीक हुआ है या किसी अन्य स्रोत से आया है, इसकी जांच और सच्चाई का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई जरूरी है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और सुरक्षा के संबंध में और सख्ती से उठाने की जरूरत है ताकि आम लोगों की निजी जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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