Kedarnath Dham मंदिर में 125 करोड़ के सोना घोटाले का आरोप, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKMC) ने दी सफ़ाई।

Kedarnath Dham : हिंदुओं के धार्मिक स्थल एवं भगवान शिव का पवित्र स्थल केदारनाथ विवादों में हैं और यह विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। दरअसल केदारनाथ (Kedarnath Dham ) मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर चढ़ी सोने की परत विवाद की वजह है। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी एवं चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष “संतोष त्रिवेदी” ने आरोप लगाया है कि गर्भग्रह की दीवारों पर चढ़ी सोने की परत को पीतल में बदल दिया गया है। उनके अनुसार इसमें अधिकारियों एवं बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKMC) भी शामिल हैं। पुजारी संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि यह 125 करोड़ रुपए का घोटाला है।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने इसे इन आरोपों को मंदिर प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश बताया है एवं इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। समिति ने कहा है कि इस तरह के अनर्गल आरोपों में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Kedarnath Dham मंदिर के वरिष्ठ पुजारी ने लगाया आरोप

केदारनाथ मंदिर के वरिष्ठ पुजारी संतोष द्विवेदी द्वारा सोने को पीतल में बदलने का आरोप लगाया गया है। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का काम चल रहा था। जो कुछ महीने पहले ही पूरा हुआ था। उन्होंने कहा कि जब गर्भगृह में गए तो उन्होंने देखा कि सोना पीतल में बदल गया था।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सोने की जांच क्यों नहीं की गई थी? एवं इतने बड़े घोटाले के लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने आगे कहा कि यह भक्तों की भावनाओं के साथ धोखा है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने दीवारों पर चढ़ी सोने की परत की कीमत 125 करोड़ रुपए कैसे पता लगाई। बता दें कि पिछले साल ही केदारनाथ की दीवारों पर चढ़ी चांदी की परतों को मुंबई के एक व्यवसाई ने सोने में बदल दिया था।

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिती ने बतायी साजिश

पुजारी संतोष त्रिवेदी के आरोपों के बाद बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने बयान जारी कर किया समिति ने कहा कि श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को उसी दानकर्ता द्वारा वर्ष 2005 में सोने से जोड़ा गया था। लेकिन वर्तमान में सोची समझी साजिश के तहत मंदिर पर द्वेषपूर्ण आरोप लगाए जा रहें है। सब जानते है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से इस सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के कारण यात्रियाें की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। खासकर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। इस बात छोटे तत्वों को रास नहीं आ रही है। ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने एवं केदारनाथ धाम की छवि खराब करने के लिए भ्रम फैला रहे है।

इसके अलावा BKMC समिति के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का कार्य स्वयं दान करता द्वारा करवाया गया था। इसकी अनुमति बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम 1939 के प्रावधानों के तहत दी गई थी। राज्य सरकार के द्वारा इसकी मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा दीवारों पर सोना चढ़ाने का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया था। BKMC का कहना है कि दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का काम दानकर्ता द्वारा किया गया था। मंदिर समिति की इसमें कोई सीधी भूमिका नहीं थी।

अखिलेश यादव ने जांच की मांग की।

Kedarnath Dham मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने के विवाद को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की। श्री अखिलेश ने कहा यह लोगों की आस्था का मामला है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।

Also Read – Gita Press: गीता प्रेस गोरखपुर को मिला 2021 का गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस के जयराम रमेश ने किया विरोध।

अखिलेश यादव ने कहा कि केदारनाथ मंदिर में सोने की परत की जगह पीतल की पर लगाने का आरोप बेहद ही गंभीर मामला है। यह लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करना है। इस साजिश की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए। झूठ का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।

सभी नवीनतम समाचारदुनिया समाचारक्रिकेट समाचारबॉलीवुड समाचार, पढ़ें,

राजनीति समाचार और मनोरंजन समाचार यहाँ। हमे फेसबुकगूगल न्यूज़ तथा ट्विटर पर फॉलो करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *