इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर भड़काऊ पोस्ट मामले में उत्तर प्रदेश में एक मौलवी और एक डॉक्टर गिरफ्तार

इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के दो अलग-अलग मामले में उत्तर प्रदेश में एक मौलवी और एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई चेतावनी के बाद यह घटना सामने आने के बाद गिरफ्तारी हुई।

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में मौलवी द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट में फिलिस्तीन का कथित रूप से समर्थन करके “शत्रुता को बढ़ावा” देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गिरफ्तार किया गया मौलवी 23 वर्षीय सुहैल अंसारी है। सुहैल अंसारी और एक अन्य मौलवी, आतिश चौधरी पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में आईपीसी की धारा 153 A और 505 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरा मौलवी आतिश चौधरी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

सुहैल अंसारी को शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि दूसरे फरार मौलवी की तलाश अभी जारी है।

मुस्लिमों पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में डॉक्टर को किया गिरफ्तार

सामाजिक शांति भंग करने और भड़काऊ टिप्पणी के एक अन्य मामले में, बरेली के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. परमेंद्र महेश्वरी को भी आईपीसी की धारा 153 A (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) और 195 A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

बरेली पुलिस के अनुसार, इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में महेश्वरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

यूपी सरकार ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर लोगों को दी थी चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर चेतावानी जारी की थी। इसके अलावा उन्होंने ऐसा करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की भी बात कही थी।

गुरुवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में योगी ने इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर किसी भी तरह की विवादित बयानबाजी और सरकार के विचारों के विपरीत गतिविधि के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था।

जबकि अगर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की बात की जाए तो गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है”। सरकार का इसमें इशारा इजरायल द्वारा गाजर पट्टी पर लगातार किए जा रहे हवाई हमले की तरफ़ था।

हालांकि सरकार का यह भी कहना है कि आतंकवाद के खतरे से लड़ना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है। यह बात इसराइल को एक मजबूत समर्थन देने का संकेत देता है।

Facebook ने भी इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर अपनी पॉलिसी में किया है बदलाव

हाल ही में यूरोपीय यूनियन (EU) के दबाव के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Meta (Facebook) ने इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर अपने सभी प्लेटफार्म से आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने वाली दुष्प्रचार सामग्री को हटा दिया है।

बीते 13 अक्टूबर को Meta की तरफ से अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव करते हुए, हमास समर्थित दुष्प्रचार वाली सामग्री को हटाने की बात कही थी। इसके अलावा इस तरह की एक्टिविटी करने वाले अकाउंट को भी हटा दिया गया है।

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