WHO ने चीन पर आरोप लगाया है कि उसने वुहान के हुआनान बाजार में लिए गए नमूनों से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा को वापस ले लिया है, जो महामारी का केंद्र था। संगठन ने चीन से जांच के परिणाम जल्द-जल्द साझा करने को भी कहा है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के महानिदेशक, डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, कि यह पता लगाने के लिए एक टीम का घटन किया गया है, जिस से ये पता लगाया जा सके कि महामारी कैसे उत्पन्न हुई, और कोविड-19 की उत्पत्ति के अध्ययन से संबंधित हर डेटा को साझा करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा वुहान के एक बाजार से आनुवांशिक डेटा मिलने के बाद यह यह सामने आया है, कि कोरोनोवायरस की उत्पत्ति वहां बेचे जाने वाले रैकून कुत्तों से हुई है। WHO ने चीन से कोरोना डेटा छुपाने के कारणों के बारे में पूछा है |
चीन पर WHO ने उठाई उंगली, हुआनान बाजार से मिला अनुवांशिक कोरोना डेटा
गेब्रेयसस ने खुलासा किया कि जनवरी के अंत में WHO को GISAID डेटाबेस के डेटा के बारे में पता चला, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। यह डेटा 2020 में वुहान के हुआनान बाजार से लिए गए सैंपल से संबंधित है और कई देशों के वैज्ञानिकों ने इसका विश्लेषण किया है। WHO ने वायरस की उत्पत्ति पर वैज्ञानिक सलाहकार समूह (SAGO) की एक बैठक बुलाई, जहाँ चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वैज्ञानिकों और अंतर्राष्ट्रीय समूह ने डेटा का अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया।
कोविड महामारी का पता लगाने में मददगार साबित हो सकता है रैकून कुत्ते का डीएनए डेटा
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि वायरस विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने वुहान के एक बाजार से आनुवंशिक डेटा पाया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि कोरोनोवायरस (Coronavirus) वहां बेचे जाने वाले रैकून कुत्तों से उत्पन्न हुआ है। चीनी अधिकारियों द्वारा इसे बंद किए जाने के तुरंत बाद जनवरी 2020 की शुरुआत में हुआनन बाजार में और उसके आसपास इस आनुवंशिक सामग्री को एकत्र किया गया था। अंतरराष्ट्रीय टीम ने जिन नमूनों में कोरोना वायरस संक्रमण पाया, उनमें बड़ी मात्रा में रेकून कुत्ते के डीएनए सहित जानवरों से संबंधित अनुवांशिक सामग्री मिली।
हालांकि, वायरस और जानवरों से आनुवंशिक सामग्री को एक साथ मिलाने से यह साबित नहीं होता है कि एक रैकून कुत्ता खुद संक्रमित था, और यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उसने वायरस को प्रसारित किया था। वायरस किसी अन्य जानवर या वायरस से संक्रमित व्यक्ति से मनुष्यों में प्रेषित हो सकता है।
Also Read: मल्लिकार्जुन खड़गे: 14.98 करोड़ मनरेगा मजदूरों के बैंक खाते आधार से नहीं जुड़े।
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने यह पता लगाने के लिए नैतिक और वैज्ञानिक अनिवार्यता पर जोर दिया है कि महामारी कैसे उत्पन्न हुई, और अध्ययन से संबंधित हर डेटा को तुरंत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा करने की आवश्यकता है। जैसा कि दुनिया महामारी से जूझ रही है, भविष्य के प्रकोप को रोकने के लिए पारदर्शिता और सहयोग महत्वपूर्ण हैं।