साल में दो बार होगी अग्निवीर की भर्ती भारतीय सेना में

साल में दो बार होगी अग्निवीर की भर्ती भारतीय सेना में। सेना ने ऐसे काम करने का निर्णय लिया है ताकि संस्था को समय पर तत्काल शक्ति मिल सके। सेना ने इस समय अग्निवीर की भर्ती के लिए संयुक्त नौकरी और रेलवे विभाग से समन्वय किया है। संस्था को समय पर सशक्त शक्ति मिलने के लिए यह एक शुभ कदम है।

साल में दो बार होगी अग्निवीर की भर्ती
साल में दो बार होगी अग्निवीर की भर्ती

अगस्त से यूनिटों में तैनात हो जायेगा पहला बैच

सेना में 19,000 रंगरूटों का पहला बैच इस साल अगस्त में प्रशिक्षण प्राप्त करेगा, और 21,000 रंगरूटों को अगले साल 1 मार्च से शुरू होने वाले अगले बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा। सेना ने यह भी तय किया है कि 2023 से हर साल मई और नवंबर में भर्तियां की जाएंगी। भर्तियों के पहले बैच का प्रशिक्षण इस साल जनवरी से शुरू होगा और सेना की विभिन्न इकाइयों में आयोजित किया जाएगा। दूसरे बैच का प्रशिक्षण इस साल मार्च में शुरू होगा और उन्हीं इकाइयों में आयोजित किया जाएगा। सेना ने ट्रेनिंग कोर्स को इस तरह डिजाइन किया है कि यह सैनिकों के सामान्य ट्रेनिंग कोर्स से छोटा है। हालांकि, पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सेना की जरूरतों के लिए पर्याप्त हो।

अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग कैसे और कहां हो रही है? 

परिचय अग्निपथ योजना के तहत भर्तियों के पहले बैच ने अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। यह योजना सरकार द्वारा देश के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इन भर्तियों का प्रशिक्षण 6 महीने तक चलेगा और उसके बाद उन्हें देश भर के विभिन्न जगहों पर तैनात किया जाएगा। सैनिकों की तरह ही इन अग्निवीरों को भी वही ट्रेनिंग दी जाएगी। इसलिए यह जानना जरूरी है कि इन अग्निवीरों का प्रशिक्षण कहां हो रहा है और प्रशिक्षण में क्या हो रहा है।

इन अग्निवीरों का प्रशिक्षण देश के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो गया है। थल सेना, वायुसेना और नौसेना में अग्निवीरों के लिए अपने-अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम हैं। तीनों सेनाओं को अग्निवीरों को पहला बैच मिल गया है. इनकी ट्रेनिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो चुकी है. इनमें कई महिला अग्निवीर भी शामिल हैं

कहां हो रही है इनकी ट्रेनिंग?

देश भर में फैले कई रेजिमेंट प्रशिक्षण केंद्रों में नए शामिल सैनिकों का प्रशिक्षण हो रहा है। झारखण्ड में स्तिथ रामगढ जिले में जवानों की ट्रेनिंग पंजाब रेजीमेंट ट्रेनिंग सेंटर में हो रही है. इसी तरह, महाराष्ट्र के नासिक में, आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर में 2,600 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा J&K लाइट इन्फेंट्री ट्रेनिंग सेंटर में भी जवानों की ट्रेनिंग चल रही है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड और गोवा सहित कई राज्यों में कई रेजिमेंट प्रशिक्षण केंद्र हैं जहां सैनिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

वायुसेना में रंगरूट हुए जांबाज़ों को कर्नाटक के बेलगाव में स्तिथ एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल (ATS ) में तयारी करवाई जारी हे , नौसेना में रंगरूट हुए अग्निवीरो की उड़ीसा के आईएनएस चिल्का ट्रेनिंग बेस में तयारी चल रही है।

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